क्या एसआईआर फेज दो में 12 राज्यों में 99.72 प्रतिशत गणना फॉर्म वितरित हुए?

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क्या एसआईआर फेज दो में 12 राज्यों में 99.72 प्रतिशत गणना फॉर्म वितरित हुए?

सारांश

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि 12 राज्यों में एसआईआर के तहत 99.72 प्रतिशत गणना फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं। क्या इसके पीछे की प्रक्रिया जानने के लिए तैयार हैं?

Key Takeaways

  • 12 राज्यों में एसआईआर का दूसरा चरण जारी है।
  • 99.72 प्रतिशत गणना फॉर्म वितरित किए गए हैं।
  • 42.96 करोड़ फॉर्म डिजिटल किए जा चुके हैं।
  • राजस्थान में अंता विधानसभा क्षेत्र के आंकड़े शामिल नहीं हैं।
  • चुनाव आयोग ने बूथ स्तरीय एजेंटों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया है।

नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का दूसरा चरण जारी है। इस प्रक्रिया के तहत भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने सोमवार को 'एसआईआर 2025' की प्रगति की जानकारी दी। आयोग ने बताया कि इन राज्यों में एसआईआर के तहत 99.72 प्रतिशत गणना फॉर्म (ईएफ) वितरित किए जा चुके हैं।

चुनाव आयोग के दैनिक बुलेटिन के अनुसार, राष्ट्रव्यापी ईएफ वितरण 99.72 प्रतिशत तक पहुँच चुका है।

4 नवंबर से 11 दिसंबर तक चल रहे वर्तमान गणना चरण में, 50.97 करोड़ योग्य मतदाताओं में से कुल 50.83 करोड़ ईएफ वितरित किए जा चुके हैं।

ईएफ का डिजिटलीकरण भी तेज गति से हो रहा है। अब तक 42.96 करोड़ फॉर्म डिजिटल कर दिए गए हैं, जिससे डिजिटलीकरण दर 88.31 प्रतिशत हो गई है।

गोवा और लक्षद्वीप में मतदाता गणना फॉर्म का शत-प्रतिशत वितरण हुआ है। इसके बाद अंडमान और निकोबार में 99.99 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 99.92 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 99.90 प्रतिशत, राजस्थान में 99.89 प्रतिशत और गुजरात में 99.85 प्रतिशत गणना फॉर्म वितरित किए गए हैं।

मतदाता संख्या के हिसाब से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश ने 15.41 करोड़ से अधिक मतदाताओं को कवर करते हुए 99.82 प्रतिशत गणना फॉर्म वितरण हासिल किया है। केरल 98.80 प्रतिशत, तमिलनाडु 99.20 प्रतिशत और पुडुचेरी 99.50 प्रतिशत के साथ सबसे कम प्रदर्शन करने वाले राज्य रहे हैं।

पश्चिम बंगाल में, 7.65 करोड़ गणना फॉर्म, या 99.90 प्रतिशत गणना फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं।

चुनाव आयोग के एक बयान में कहा गया है कि राज्य में 96.37 प्रतिशत गणना फॉर्म डिजिटल कर दिए गए हैं।

चुनाव आयोग ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से सत्यापन और डिजिटलीकरण में तेजी लाने के लिए अधिक बूथ स्तरीय एजेंट नियुक्त करने का अनुरोध किया है।

एक बयान में चुनाव आयोग ने कहा कि राजस्थान के आंकड़ों में अंता विधानसभा क्षेत्र शामिल नहीं है, जहां उपचुनाव के कारण संशोधन स्थगित कर दिया गया था।

चुनाव आयोग ने कहा कि जैसे-जैसे संशोधन प्रक्रिया 4 दिसंबर की समय सीमा की ओर बढ़ेगी, वह निर्धारित बुलेटिन जारी करता रहेगा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि एसआईआर प्रक्रिया का सफलतापूर्वक कार्यान्वयन भारत के लोकतंत्र की मजबूती के लिए अनिवार्य है। यह न केवल मतदाता पहचान को सुनिश्चित करता है, बल्कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को भी बढ़ावा देता है।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर क्या है?
विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) एक प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य मतदाता सूची की सटीकता और अद्यतन सुनिश्चित करना है।
गणना फॉर्म का वितरण कितने प्रतिशत हुआ?
99.72 प्रतिशत गणना फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं।
ईएफ का डिजिटलीकरण किस स्तर पर है?
अब तक 42.96 करोड़ फॉर्म डिजिटल किए जा चुके हैं, जो कि 88.31 प्रतिशत की दर है।
कौन से राज्य में शत-प्रतिशत वितरण हुआ है?
गोवा और लक्षद्वीप में गणना फॉर्म का शत-प्रतिशत वितरण हुआ है।
उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन कैसा है?
उत्तर प्रदेश ने 99.82 प्रतिशत गणना फॉर्म वितरण हासिल किया है।
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