क्या एबीवीपी के प्रतिनिधिमंडल ने लाठीचार्ज मामले की जांच अधिकारियों से मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- लाठीचार्ज की घटना ने छात्रों के अधिकारों पर सवाल उठाया।
- एबीवीपी ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
- मुख्यमंत्री ने मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।
- छात्रों के साथ अन्याय सहन नहीं किया जाएगा।
- पुलिस का हस्तक्षेप अनुचित था।
लखनऊ, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी स्थित श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में एक दिन पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं और छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की घटना को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित जांच समिति से मंगलवार को एबीवीपी के प्रतिनिधिमंडल ने संवाद किया।
इस अवसर पर, एबीवीपी प्रतिनिधिमंडल ने मंडलायुक्त अयोध्या राजेश कुमार और आईजी रेंज अयोध्या प्रवीण कुमार को घटनाक्रम की पूरी जानकारी दी। इसके साथ ही, एबीवीपी ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
मुलाकात के दौरान, एबीवीपी पदाधिकारियों ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों और प्रशासन के बीच पुलिस का हस्तक्षेप अत्यंत अनुचित है। सीओ के आने पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया। हम इस मामले की निष्पक्ष जांच और इसमें शामिल सभी दोषी अधिकारियों तथा विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ कड़ी सजा की मांग करते हैं। छात्रों के साथ अन्याय सहन नहीं किया जाएगा और यदि विद्यार्थियों की मांगें निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी नहीं की गईं, तो एबीवीपी के कार्यकर्ता छात्रहित में आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।
मंडलायुक्त ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि इस घटना की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों को किसी भी स्थिति में नहीं बख्शा जाएगा। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल, काशी प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह, गोरक्ष प्रांत मंत्री मयंक राय, कानपुर प्रांत मंत्री शिवा राजे बुंदेला, अवध प्रांत संगठन मंत्री अंशुल विद्यार्थी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद सदस्य सृष्टि सिंह और ऋषभ सिंह बिसेन उपस्थित रहे।
ज्ञात हो कि एक दिन पहले बाराबंकी के रामस्वरूप विश्वविद्यालय में अवैध वसूली और बार काउंसिल ऑफ इंडिया से लॉ कोर्स की मान्यता समाप्त होने को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया था, जिसमें छात्रों को शांत कराने के लिए पुलिस को लाठियां चलानी पड़ी थीं, जिसके चलते 20 से अधिक छात्र घायल हो गए थे। इस घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर सीओ को हटाने के साथ ही मामले की जांच अयोध्या के मंडलायुक्त और आईजी रेंज को सौंप दी गई है।