क्या भृंगराज से त्रिफला तक, भारतीय आयुर्वेद ने रूस में बनाई है मजबूत जगह?

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क्या भृंगराज से त्रिफला तक, भारतीय आयुर्वेद ने रूस में बनाई है मजबूत जगह?

सारांश

भारत और रूस के बीच आयुर्वेद की प्राचीन चिकित्सा पद्धति ने रूस में अपनी जगह बनाई है। भृंगराज और त्रिफला जैसे औषधियों के माध्यम से, यह मित्र राष्ट्र अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को समृद्ध कर रहा है। जानें किस प्रकार आयुर्वेद ने रूस में लोकप्रियता हासिल की है।

Key Takeaways

  • आयुर्वेद ने रूस में अपनी विशेष पहचान बनाई है।
  • भृंगराज और त्रिफला जैसे औषधियाँ रूस में लोकप्रिय हैं।
  • रूस में आयुर्वेद का तेजी से प्रभाव बढ़ रहा है।

नई दिल्ली, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और रूस के बीच की दोस्ती बहुत पुरानी है। दोनों देशों ने एक-दूसरे की संस्कृति का सम्मान करते हुए हर क्षेत्र में सहयोग किया है। जब बात आयुर्वेद की आती है, तो मित्र राष्ट्र भी इसमें पीछे नहीं रहे। भृंगराज, त्रिफला सहित अन्य औषधियों के माध्यम से भारतीय आयुर्वेद ने रूस में एक विशेष स्थान बनाया है।

आयुर्वेद, जो कि भारत की एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, वात-पित्त-कफ के संतुलन, पंचकर्म, रसायन चिकित्सा और दिनचर्या पर आधारित है, इसे विश्व की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणाली माना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भी इसे मान्यता प्राप्त है। आयुर्वेद अब भारत में आधुनिक चिकित्सा के समानांतर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। रूस में भी आयुर्वेद का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है।

भारत और रूस के बीच लंबे समय से चली आ रही साझेदारी ने समय की कसौटी पर खुद को साबित किया है। इसी क्रम में, आयुर्वेद को रूस में 1989 से आधिकारिक मान्यता और लोकप्रियता मिल रही है। यह यात्रा उस समय शुरू हुई जब दुनिया की सबसे गंभीर परमाणु दुर्घटनाओं में से एक, चेर्नोबिल की घटना घटी। इसके बाद, सोवियत डॉक्टरों ने विकिरण से प्रभावित बच्चों और मरीजों के उपचार के लिए आयुर्वेद का सहारा लिया।

अमेरिका की रिसर्च-बेस्ड नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन साइंस की आधिकारिक वेबसाइट पर, रूस में बढ़ती आयुर्वेद की लोकप्रियता के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध है।

भारत सरकार के सहयोग से 1989 में बेलारूस के मिन्स्क में पहला आयुर्वेदिक केंद्र खोला गया। भारतीय चिकित्सकों ने रूसी डॉक्टरों के साथ मिलकर विकिरण बीमारी के लक्षणों जैसे सिरदर्द, अनिद्रा, जोड़ों का दर्द और कमजोर इम्यूनिटी पर सफलतापूर्वक काम किया। इसके बाद, 1996-98 के बीच मास्को में 85 चेर्नोबिल पीड़ितों के आयुर्वेदिक उपचार में अधिकांश मरीजों को पूर्ण या आंशिक राहत मिली और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में उल्लेखनीय सुधार देखा गया।

1990 में सोवियत स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुर्वेद को रूसी स्वास्थ्य प्रणाली में शामिल करने के लिए एक अलग विभाग स्थापित किया और मास्को में पहला प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किया, जिसमें 250 से अधिक डॉक्टरों को आयुर्वेद का प्रशिक्षण दिया गया। 1991 में रूसी पारंपरिक चिकित्सा संघ की स्थापना हुई।

1996 से 2005 के बीच मास्को के 'नामी आयुर्वेद केंद्र' में डॉक्टर नौशाद अली, डॉक्टर मोहम्मद अली और डॉक्टर उन्नीकृष्णन जैसे भारतीय विशेषज्ञों ने 1500 से अधिक मरीजों का इलाज किया। 2003 में शुरू हुई 'वश्य आयुर्वेद' परियोजना और 2005 में स्थापित आयुर्वेद रूस-भारत संघ ने इसे और गति दी। आज रूस की पीपुल्स फ्रेंडशिप यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ ओरिएंटल मेडिसिन में एक आयुर्वेद विभाग है। भारतीय प्रोफेसर हर साल बड़ी संख्या में रूसी डॉक्टरों को प्रशिक्षण देते हैं।

रूसी बाजार में च्यवनप्राश, त्रिफला गुग्गुलु, ब्राह्मी रसायन, मेदोहर गुग्गुलु, महामंजिष्ठादि, भृंगराज जैसी भारतीय औषधियाँ और आंवला, अश्वगंधा, बाला, महानारायण जैसे दर्जनों तेल उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त, देश में 1000 से अधिक स्पा सेंटर हैं, जिनमें से आधे से अधिक शुद्ध आयुर्वेदिक सेवाएं जैसे कि पंचकर्म, अभ्यंगम, हर्बल स्टीम बाथ देती हैं।

रूस के सभी उम्र के लोग, चाहे बच्चे हों, बुजुर्ग हों या युवा, शारीरिक और मानसिक समस्याओं से राहत के लिए आयुर्वेद का सहारा ले रहे हैं।

Point of View

जो वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान दे रहा है। हमें गर्व है कि हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धतियाँ आज भी जीवित हैं और विश्वभर में मान्यता प्राप्त कर रही हैं।
NationPress
05/12/2025

Frequently Asked Questions

आयुर्वेद को रूस में कब से मान्यता मिली है?
आयुर्वेद को रूस में 1989 से आधिकारिक मान्यता मिली है।
रूस में आयुर्वेद का क्या महत्व है?
आयुर्वेद रूस में एक महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रणाली बन गई है, जो लोगों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में सहायता करती है।
क्या आयुर्वेद सिर्फ भारतीयों के लिए है?
नहीं, आयुर्वेद सभी के लिए है। रूस में लोग सभी उम्र के लोग आयुर्वेदिक उपचार का लाभ उठा रहे हैं।
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