क्या बिहार में विशेष पुनरीक्षण अभियान के तहत 75 प्रतिशत मतदाता फॉर्म जमा कर चुके हैं?

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क्या बिहार में विशेष पुनरीक्षण अभियान के तहत 75 प्रतिशत मतदाता फॉर्म जमा कर चुके हैं?

सारांश

बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत हर चार में से तीन मतदाता फॉर्म जमा कर चुके हैं। चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया कि अब तक 74.39% कवरेज हो चुका है। क्या यह आंकड़ा और बढ़ेगा? जानिए इस अभियान की महत्वपूर्ण जानकारी।

Key Takeaways

  • बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान का उद्देश्य मतदाता पहचान को सुधारना है।
  • अब तक 5.87 करोड़ एन्यूमरेशन फॉर्म एकत्र किए गए हैं।
  • अभियान की अंतिम तिथि 25 जुलाई है।
  • 77,895 बीएलओ इस अभियान में कार्यरत हैं।
  • सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता अधिकारों की सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया है।

नई दिल्ली, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के अंतर्गत, राज्य के तीन में से हर चार मतदाताओं ने अपने एन्यूमरेशन फॉर्म जमा कर दिए हैं। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि अब तक कुल 74.39 प्रतिशत कवरेज हो चुका है।

चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान के अनुसार, “शुक्रवार शाम 6 बजे तक पिछले 17 दिनों में कुल 5.87 करोड़ एन्यूमरेशन फॉर्म एकत्र किए गए हैं, जो कुल अनुमानित फॉर्म का 74.39 प्रतिशत है। यह प्रक्रिया 24 जून को एसआईआर के निर्देश जारी होने के बाद शुरू हुई थी। फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई है।”

अधिकारी ने कहा कि अभी 14 दिन शेष हैं, और उम्मीद है कि शेष प्रक्रिया समय पर पूरी कर ली जाएगी।

एसआईआर के दूसरे चरण में बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर मतदाताओं की सहायता कर रहे हैं और भरे हुए फॉर्म इकट्ठा कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने बताया कि जिला स्तरीय अधिकारी (38 डीआरओ), सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारी (ईआरओ), और 963 सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारी इस अभियान की निगरानी कर रहे हैं।

डिजिटलीकरण और फॉर्म अपलोडिंग का कार्य भी सुचारू रूप से चल रहा है। बीएलओ ऐप और ऑनलाइन के माध्यम से अब तक एकत्र किए गए 5.87 करोड़ फॉर्मों में से 3.73 करोड़ फॉर्म सफलतापूर्वक डिजिटाइज और अपलोड किए जा चुके हैं।

चुनाव आयोग ने बताया कि “आज ईसीआईनेट में एक नया मॉड्यूल लागू किया गया है, जिसके माध्यम से सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारी और निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारी अपलोड किए गए फॉर्मों का सत्यापन कर सकेंगे।”

इस प्रक्रिया में कुल 77,895 बीएलओ कार्यरत हैं, जिनमें हाल ही में नियुक्त किए गए 20,603 बीएलओ और अन्य चुनाव अधिकारी भी शामिल हैं। ये सभी समय पर कार्य पूरा करने के लिए निरंतर मेहनत कर रहे हैं।

इसके अलावा 4 लाख से अधिक स्वयंसेवक बुजुर्गों, दिव्यांगों, बीमारों और असहाय लोगों की मदद कर रहे हैं। वहीं, सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त किए गए 1.56 लाख बूथ स्तर एजेंट (बीएलए) भी अभियान में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं, जिससे अब तक 74.39 प्रतिशत फॉर्म एकत्र किए जा चुके हैं।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से आग्रह किया था कि वह “न्याय के हित में” यह विचार करे कि क्या मतदाता सत्यापन के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को स्वीकार किया जा सकता है।

न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची की पीठ उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिनमें कहा गया है कि चुनाव आयोग का 26 जून का निर्देश अगर रद्द नहीं किया गया, तो लाखों मतदाताओं को मनमाने ढंग से और बिना उचित प्रक्रिया के उनके मताधिकार से वंचित किया जा सकता है, जिससे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और लोकतंत्र प्रभावित होंगे।

कोर्ट ने यह भी नोट किया कि संशोधित ड्राफ्ट मतदाता सूची अगस्त में प्रकाशित की जाएगी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को नियमित पीठ के समक्ष होगी।

Point of View

सुप्रीम कोर्ट की चिंता भी इस बात की ओर इशारा करती है कि मतदाता अधिकारों का संरक्षण किया जाना चाहिए।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

बिहार में एन्यूमरेशन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि क्या है?
बिहार में एन्यूमरेशन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई है।
विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान की शुरुआत कब हुई थी?
विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 24 जून से शुरू हुआ था।
अब तक कितने एन्यूमरेशन फॉर्म जमा किए गए हैं?
अब तक कुल 5.87 करोड़ एन्यूमरेशन फॉर्म जमा किए गए हैं।
एसआईआर अभियान का उद्देश्य क्या है?
एसआईआर अभियान का उद्देश्य मतदाता पहचान को सही करना और चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है।
इस अभियान में कितने बीएलओ कार्यरत हैं?
इस प्रक्रिया में कुल 77,895 बीएलओ कार्यरत हैं।