क्या बुधवार का व्रत बुद्धि और ज्ञान प्राप्ति के लिए फायदेमंद है?

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क्या बुधवार का व्रत बुद्धि और ज्ञान प्राप्ति के लिए फायदेमंद है?

सारांश

बुधवार का व्रत न केवल बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि करता है, बल्कि यह भगवान गणेश की कृपा भी प्राप्त करता है। जानें इस व्रत की पूरी विधि और इसके लाभों के बारे में।

Key Takeaways

  • बुधवार का व्रत बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि करता है।
  • गणेश जी की पूजा से सुख-समृद्धि मिलती है।
  • इस दिन दान करना शुभ माना जाता है।
  • मांस-मदिरा का सेवन वर्जित है।
  • व्रत विधि का पालन करना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। क्या आप जानते हैं कि बुधवार, भगवान गणेश और बुध ग्रह का दिन है? इस दिन गणेश जी की पूजा से विशेष फल प्राप्त होते हैं। इससे बुद्धि, वाणी और व्यापार में वृद्धि होती है।

स्कंद पुराण के अनुसार, बुधवार को भगवान गणेश की पूजा करने और व्रत रखने से ज्ञान, सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा, बुधवार का व्रत करने से बुध ग्रह से संबंधित दोष भी समाप्त होते हैं। व्रत आरंभ करने के लिए, सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, फिर मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें, और फिर ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) की ओर मुख करके आसन पर बैठें।

इसके बाद श्री गणेश को दूर्वा और पीले पुष्प अर्पित करें, साथ ही बुध देव को हरे रंग के वस्त्र चढ़ाएं। पूजा के दौरान श्री गणेश और बुध देव के "ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥" मंत्र का जाप करें। फिर व्रत कथा सुनें और उनकी पूजा करें। अंत में, श्री गणेश को हलवे का भोग लगाएं और फिर श्री गणेश और बुध देव की आरती करें। उसके बाद आरती का आचमन करें।

पूजा समाप्त होने पर भोग को प्रसाद के रूप में सभी में बांट दें। शाम के समय फलाहार से व्रत का पारण करें। इस दिन मांस-मदिरा का सेवन, झूठ बोलना, किसी का अपमान करना, बाल या दाढ़ी कटवाना और तेल मालिश करना वर्जित माना गया है। व्रत का उद्यापन 12 व्रतों के बाद किया जाता है।

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि (सुबह 11 बजकर 58 मिनट तक) 2 जुलाई को पड़ रही है। इसी दिन चंद्रमा कन्या राशि में विराजमान रहेंगे और सूर्य मिथुन राशि में रहेंगे।

दृक पंचांगानुसार, 2 जुलाई को सप्तमी तिथि सुबह 11 बजकर 58 मिनट तक रहेगी, फिर उसके बाद अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी। इस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है और राहु काल का समय 12 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर 02 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।

Point of View

जो गणेश जी की पूजा से जुड़ा है, न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए लाभकारी है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव भी लाता है। यह भारतीय परंपरा को मजबूत करने में सहायक है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

बुधवार का व्रत कैसे किया जाता है?
बुधवार का व्रत सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर पूजा स्थल को शुद्ध करके किया जाता है। पूजा में दूर्वा और पीले पुष्प अर्पित करें।
इस व्रत के लाभ क्या हैं?
इस व्रत से बुद्धि, ज्ञान, और समृद्धि में वृद्धि होती है। यह बुध ग्रह से संबंधित दोष भी दूर करता है।