क्या इस गुरुवार करें ये खास उपाय, चमक उठेगा आपका भाग्य?

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क्या इस गुरुवार करें ये खास उपाय, चमक उठेगा आपका भाग्य?

सारांश

इस गुरुवार, भगवान विष्णु की पूजा और व्रत के साथ अपने भाग्य को चमकाने के उपाय जानें। जानें कैसे पीले रंग और दान से आपके जीवन में खुशियाँ और समृद्धि आ सकती हैं।

Key Takeaways

  • गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व रखता है।
  • व्रत रखने से धन और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
  • पीले वस्त्र और फल का दान लाभकारी होता है।
  • केले के पत्ते की पूजा से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है।
  • इस दिन ज्ञान और विद्या की पूजा करना चाहिए।

नई दिल्ली, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गुरुवार को भगवान विष्णु का दिन माना जाता है; इस दिन विधि-विधान से पूजा-पाठ और व्रत करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में बुद्धि, वाणी और व्यापार में वृद्धि होती है।

अग्नि पुराण के अनुसार, देवगुरु बृहस्पति ने काशी में शिवलिंग की स्थापना और तपस्या का उल्लेख किया है, जिससे गुरुवार के दिन भगवान बृहस्पति की पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है।

अग्नि पुराण और स्कंद पुराण के अनुसार गुरुवार के दिन व्रत रखने से धन, समृद्धि, संतान और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इस व्रत को किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से शुरू कर सकते हैं। व्रत 16 गुरुवार तक करना चाहिए। व्रत रखने के लिए इस दिन पीले वस्त्र धारण करने और पीले फल और पीले फूलों का दान करने से भी लाभ होता है।

इसके अलावा, इस दिन विद्या की पूजा करने से भी ज्ञान में वृद्धि होती है। गुरुवार के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न और धन का दान करने से भी पुण्य प्राप्त होता है।

मान्यता है कि केले के पत्ते में भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए गुरुवार के दिन केले के पत्ते की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत शुरू करने के लिए आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, फिर मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें, इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें। फिर केले के वृक्ष की जड़ में चने की दाल, गुड़ और मुनक्का चढ़ाकर भगवान विष्णु की पूजा करें। दीपक जलाएं और कथा सुनें और भगवान बृहस्पति भगवान की आरती करें। उसके बाद आरती का आचमन करें। इस दिन पीले रंग के खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि (दोपहर के 2 बजकर 6 मिनट तक) 3 जुलाई को पड़ रही है। इसी दिन सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे, वहीं चंद्रमा कन्या राशि से तुला में प्रवेश करेंगे। दृक पंचांगानुसार, 3 जुलाई को अष्टमी तिथि सुबह 2 बजकर 6 मिनट तक रहेगी, फिर उसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।

Point of View

और इस दिन विशेष पूजा-पाठ करने से जीवन में सुख, समृद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है। देशभर में लोग इस दिन के महत्व को समझते हुए, उचित विधि-विधान से पूजा करते हैं, जिससे समाज में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिलता है।
NationPress
22/07/2025

Frequently Asked Questions

गुरुवार को कौन सी पूजा करनी चाहिए?
गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और विशेष व्रत का पालन करना चाहिए।
गुरुवार के व्रत का महत्व क्या है?
गुरुवार का व्रत रखने से धन, समृद्धि, संतान और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
गुरुवार को क्या दान करना चाहिए?
गुरुवार के दिन पीले फल, पीले फूल और अन्न का दान करना चाहिए।
गुरुवार की पूजा के लिए कौन से रंग का वस्त्र पहनना चाहिए?
गुरुवार को पीले रंग का वस्त्र पहनना चाहिए।
गुरुवार के दिन क्या खाना चाहिए?
गुरुवार के दिन पीले रंग के खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।