क्या कैबिनेट बैठक में 3.5 करोड़ नौकरियों के अवसर और 1 लाख करोड़ रुपए की योजना को हरी झंडी मिली?

सारांश
Key Takeaways
- 3.5 करोड़ नौकरियों का सृजन
- ईएलआई योजना का कुल बजट 1 लाख करोड़ रुपए
- पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को 15,000 रुपए तक का वेतन
- नियोक्ताओं को 2 वर्ष तक प्रोत्साहन
- आधार ब्रिज पेमेंट सिस्टम का उपयोग
नई दिल्ली, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (ईएलआई) को स्वीकृति दी है।
ईएलआई योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तुत पांच योजनाओं के पैकेज के तहत की गई थी, जिसका कुल बजट 2 लाख करोड़ रुपए है।
इस योजना के अंतर्गत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का वेतन 15,000 रुपए तक मिलेगा, तथा नियोक्ताओं को नए रोजगार सृजन के लिए दो वर्षों की अवधि में प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके साथ ही, मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को भी दो वर्ष के लिए विशेष लाभ प्रदान किया जाएगा।
ईएलआई योजना का लक्ष्य है कि 99,446 करोड़ रुपए के बजट में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों का सृजन किया जाए। इनमें से 1.92 करोड़ लाभार्थी वे होंगे जो पहली बार कार्यबल में शामिल होंगे। यह योजना 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच सृजित नौकरियों पर लागू होगी।
यह योजना दो भागों में विभाजित है: पहला भाग पहली बार आवेदन करने वाले कर्मचारियों पर केंद्रित है और दूसरा भाग नियोक्ताओं पर।
पहले भाग में, ईपीएफओ के साथ पंजीकृत पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का ईपीएफ वेतन 15,000 रुपए तक दो किस्तों में दिया जाएगा। 1 लाख रुपए तक के वेतन वाले कर्मचारी इसके लिए पात्र होंगे।
प्रथम किस्त 6 महीने की सेवा के बाद और दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद प्रदान की जाएगी।
बचत को प्रोत्साहित करने के लिए, प्रोत्साहन का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए जमा खाते के बचत साधन में रखा जाएगा, जिसे कर्मचारी बाद में निकाल सकेंगे।
इस भाग के तहत लगभग 1.92 करोड़ कर्मचारियों को लाभ मिलने की संभावना है।
दूसरे भाग में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सृजन को शामिल किया जाएगा, जिसमें मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नियोक्ताओं को 1 लाख रुपए तक के वेतन वाले कर्मचारियों के संबंध में प्रोत्साहन मिलेगा।
सरकार नियोक्ताओं को कम से कम छह महीने तक निरंतर रोजगार वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो वर्षों तक 3,000 रुपए प्रति माह का प्रोत्साहन देगी।
ईपीएफओ के साथ पंजीकृत प्रतिष्ठानों को कम से कम छह महीने के लिए निरंतर आधार पर कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारी (50 से कम कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) या पांच अतिरिक्त कर्मचारी (50 या अधिक कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) नियुक्त करने की आवश्यकता होगी।
प्रोत्साहन संरचना इस प्रकार होगी: 10,000 रुपए के ईपीएफ वेतन स्लैब वाले अतिरिक्त कर्मचारी के लिए नियोक्ता को 1,000 रुपए का प्रोत्साहन मिलेगा। 10,000 से 20,000 रुपए के वेतन स्लैब के लिए नियोक्ता को प्रति कर्मचारी 2,000 रुपए का प्रोत्साहन मिलेगा, जबकि 20,000 रुपए से अधिक और 1 लाख रुपए तक के वेतन वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन 3,000 रुपए तक होगा।
इस भाग से लगभग 2.60 करोड़ लोगों के लिए अतिरिक्त रोजगार के सृजन के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहन मिलने की संभावना है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि योजना के पहले भाग के तहत पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को सभी पेमेंट 'आधार ब्रिज पेमेंट सिस्टम' का उपयोग करके डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) मोड के माध्यम से किए जाएंगे। भाग बी के तहत नियोक्ताओं को भुगतान सीधे उनके पैन-लिंक्ड खातों में किया जाएगा।