क्या कनाडा भारत विरोधी खालिस्तानी चरमपंथियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है?

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क्या कनाडा भारत विरोधी खालिस्तानी चरमपंथियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है?

सारांश

कनाडा की खुफिया एजेंसी सीएसआईएस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कनाडा खालिस्तानी चरमपंथियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन चुका है। यह खुलासा भारत और कनाडा के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है। जानें इस महत्वपूर्ण रिपोर्ट की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • कनाडा खालिस्तानी चरमपंथियों के लिए एक सुरक्षित स्थान बन गया है।
  • सीएसआईएस की रिपोर्ट ने भारत की चिंताओं की पुष्टि की है।
  • भारत और कनाडा के राजनयिक संबंध बिगड़ रहे हैं।
  • खालिस्तानी आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता है।
  • रिपोर्ट ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।

नई दिल्ली, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। कनाडा की प्रमुख खुफिया संस्था कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (सीएसआईएस) ने अपनी 2024 की वार्षिक रिपोर्ट में पहली बार आधिकारिक रूप से यह स्वीकार किया है कि कनाडा भारत विरोधी खालिस्तानी चरमपंथियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है।

यह खुलासा उस चिंता की पुष्टि करता है जो भारत लंबे समय से व्यक्त कर रहा था, जिसमें नई दिल्ली ने कनाडा पर भारत विरोधी तत्वों को शरण देने का आरोप लगाया था।

सीएसआईएस की रिपोर्ट में साफ़ कहा गया है, "खालिस्तानी चरमपंथी मुख्य रूप से भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, धन जुटाने या योजना बनाने के लिए कनाडा को आधार के रूप में उपयोग करना जारी रखे हुए हैं।"

रिपोर्ट में कनाडा स्थित खालिस्तानी चरमपंथियों (सीबीकेई) के एक छोटे लेकिन सक्रिय समूह का उल्लेख किया गया है, जो हिंसक गतिविधियों के माध्यम से भारत के पंजाब में खालिस्तान नामक एक स्वतंत्र राष्ट्र राज्य की स्थापना के लिए प्रयासरत हैं।

सीएसआईएस ने कहा, "1980 के दशक के मध्य से कनाडा में राजनीतिक रूप से प्रेरित हिंसक उग्रवाद (पीएमवीई) का खतरा मुख्य रूप से कनाडा स्थित खालिस्तानी उग्रवादियों (सीबीकेई) के माध्यम से प्रकट हुआ है, जो मुख्य रूप से भारत के पंजाब में खालिस्तान नामक एक स्वतंत्र राष्ट्र राज्य बनाने के लिए हिंसक साधनों का उपयोग और समर्थन करना चाहते हैं।"

यह स्वीकारोक्ति भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते राजनयिक रिश्तों में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के संबंधों में तीखी तनातनी देखी गई थी। कनाडाई अधिकारियों ने इस हत्या को भारतीय सरकार के हस्तक्षेप से जोड़ा, जिसका भारत ने खंडन करते हुए इन आरोपों को "बेतुका" और "निराधार" बताया था। भारत ने इसके जवाब में कनाडा पर खालिस्तानी चरमपंथियों को पनाह देने और उनकी गतिविधियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। सीएसआईएस की यह रिपोर्ट भारत के इस रुख को मजबूती प्रदान करती है।

प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के ठीक बाद यह खुलासा हाल ही में अल्बर्टा में जी-7 शिखर सम्मेलन में कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच हुई बैठक के समय हुआ है।

इस बैठक में दोनों नेताओं ने नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति और व्यापार वार्ता को पुनः शुरू करके द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने की दिशा में कदम उठाने पर सहमति व्यक्त की।

हालांकि, कनाडा में सिख समर्थकों और कुछ सांसदों ने कार्नी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित करने के निर्णय की आलोचना की है। इसके बावजूद, कार्नी ने भारत के वैश्विक आर्थिक महत्व और रचनात्मक वार्ता की आवश्यकता पर जोर देते हुए अपने फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना कनाडा के राष्ट्रीय हित में है, भले ही कुछ सुरक्षा चिंताएं बरकरार हों।

Point of View

यह रिपोर्ट भारत के प्रति कनाडा की नीतियों की गंभीरता को उजागर करती है। खालिस्तानी चरमपंथियों का पनाह लेना न केवल भारत के लिए, बल्कि कनाडा के लिए भी एक सुरक्षा चुनौती बनी हुई है। इस स्थिति में तत्काल उपायों की आवश्यकता है।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (सीएसआईएस) क्या है?
कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (सीएसआईएस) कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया एजेंसी है, जो देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कार्य करती है।
खालिस्तानी चरमपंथी कौन हैं?
खालिस्तानी चरमपंथी वे लोग हैं जो भारत के पंजाब में एक स्वतंत्र खालिस्तान राज्य की स्थापना के लिए हिंसक गतिविधियों का समर्थन करते हैं।
भारत और कनाडा के रिश्ते में क्या तनाव है?
भारत और कनाडा के रिश्ते में तनाव खालिस्तानी चरमपंथियों के मुद्दे और हाल की घटनाओं के कारण उत्पन्न हुआ है, जिसमें खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या शामिल है।
क्या कनाडा खालिस्तानी चरमपंथियों को शरण दे रहा है?
सीएसआईएस की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा खालिस्तानी चरमपंथियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है, जो भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं।
इस रिपोर्ट का भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह रिपोर्ट भारत के रुख को मजबूत करती है और भारत और कनाडा के बीच के रिश्तों में और तनाव पैदा कर सकती है।