क्या धान क्रय केंद्र पर सभी अन्नदाता किसानों का धान खरीदा जाएगा? : सीएम योगी
सारांश
Key Takeaways
- हर अन्नदाता किसान का धान खरीदा जाएगा।
- भुगतान सीधे किसानों के खातों में जाएगा।
- क्रय केंद्रों की संख्या 5,000 की जाएगी।
- किसानों को किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
- खाद और बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
लखनऊ, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि धान क्रय केंद्र पर आने वाले प्रत्येक अन्नदाता किसान का धान खरीदा जाए और भुगतान समय पर सीधे उनके खातों में स्थानांतरित किया जाए। सोमवार को धान खरीद की स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि धान खरीद की प्रक्रिया को तेज करना चाहिए ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
बैठक में बताया गया कि इस वर्ष कॉमन धान का एमएसपी 2,369 रुपए और ग्रेड-ए का 2,389 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में ₹69 अधिक है। अब तक 4,227 खरीद केंद्र कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि क्रय केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 5,000 की जाए, ताकि किसानों को अपने गांव या कस्बे के निकट सुविधाएं उपलब्ध हों।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि 30 नवंबर तक 1,51,030 किसानों से 9.02 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है और 1,984 करोड़ रुपए से अधिक की राशि सीधे किसानों के खातों में भेजी गई है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि भुगतान में किसी भी स्तर पर देरी मान्य नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि मिड-डे मील और आंगनबाड़ी केंद्रों में फोर्टिफाइड चावल की सप्लाई निर्बाध सुनिश्चित की जाए। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एफआरके सप्लाई को सुचारु रखने के लिए वेंडरों की संख्या बढ़ाई जाए और तकनीकी अड़चनों का तुरंत समाधान किया जाए। बैठक में बताया गया कि अब तक लगभग 2,130 मीट्रिक टन एफआरके गुणवत्ता परीक्षण में उत्तीर्ण हुआ है।
सीएम योगी ने खरीद केंद्रों पर आवश्यकता के अनुसार मैनपावर बढ़ाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि केंद्र पर भीड़ न लगे और किसानों को वापस न लौटना पड़े, यह प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने धान उठान, मिल-मैपिंग और अन्य प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर भी जोर दिया, ताकि खरीद सुचारु और निरंतर गति में बनी रहे।
बैठक में खाद और बीज की उपलब्धता पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी जिले में खाद या बीज की कमी नहीं होनी चाहिए और किसानों को इन दोनों वस्तुओं की आसानी से उपलब्धता होनी चाहिए। उन्होंने संबंधित विभागों को स्टॉक और आपूर्ति की नियमित समीक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।