क्या झारखंड के हजारीबाग की जेपी सेंट्रल जेल की पांच लेयर सुरक्षा से तीन सजायाफ्ता कैदी फरार हो गए?
सारांश
Key Takeaways
- हजारीबाग जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगा है।
- तीन सजायाफ्ता कैदियों का फरार प्रशासन के लिए चुनौती है।
- सुरक्षा में लापरवाही के कारण 12 सुरक्षाकर्मियों को निलंबित किया गया।
- जेल प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और पुलिस को अलर्ट किया।
- जेल में कुख्यात अपराधियों का होना सुरक्षा में और चुनौतियाँ पैदा करता है।
हजारीबाग, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जेलों में से एक हजारीबाग स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा (जेपी कारा) से तीन सजायाफ्ता कैदी फरार हो गए हैं। ये तीनों कैदी धनबाद जिले के निवासी बताए गए हैं।
जेल अधीक्षक चंद्रशेखर सुमन ने तीनों कैदियों के फरार होने की पुष्टि करते हुए कहा कि यह प्रारंभिक सूचना है। कैदियों के बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र की जा रही है। बताया गया है कि नियमित प्रक्रिया के तहत कैदियों की गिनती के लिए उन्हें बैरक से बाहर निकाला गया था, और इसी दौरान तीनों कैदी अचानक लापता हो गए।
प्रारंभिक तौर पर जेल कर्मियों को आशंका थी कि वे जेल परिसर के भीतर ही होंगे, इसलिए आंतरिक स्तर पर खोज शुरू की गई। काफी समय तक तलाश करने के बाद जब उनका कोई सुराग नहीं मिला, तब जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। तुरंत जिला पुलिस को सूचित किया गया और सहयोग का अनुरोध किया गया। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। पूरे क्षेत्र में नाकेबंदी कर दी गई है और फरार कैदियों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर सघन छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है।
हजारीबाग पुलिस के साथ-साथ अन्य जिलों की पुलिस को भी अलर्ट किया गया है ताकि किसी भी संभावित मूवमेंट पर नजर रखी जा सके। चौंकाने वाली बात यह है कि जेपी कारा में पांच लेयर की सुरक्षा व्यवस्था है, सीसीटीवी कैमरों से 24 घंटे निगरानी होती है और हर प्रवेश व निकास द्वार पर सशस्त्र सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। इस जेल में कुख्यात अपराधी, नक्सली और कई हाई प्रोफाइल विचाराधीन कैदी भी रखे जाते हैं।
हाल के दिनों में जेल की सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत किया गया था। जेल आईजी ने सुरक्षा में लापरवाही के आरोप में 12 सुरक्षाकर्मियों को निलंबित भी किया था। इसके बावजूद, इस घटना के सामने आने से एक बार फिर हजारीबाग जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली और सुरक्षा इंतजामों पर सवाल उठ गए हैं।