क्या राजा रघुवंशी हत्याकांड पर इंदौर में परिजनों और शहरवासियों ने कैंडल मार्च निकाला?

सारांश
Key Takeaways
- राजा रघुवंशी का हत्याकांड
- कैंडल मार्च
- हत्यारों को फांसी देने की मांग जनसामान्य का गुस्सा दिखाता है।
- सोनम ने अपने जुर्म को स्वीकार किया है।
- इस मामले में निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।
इंदौर, १५ जून (राष्ट्र प्रेस)। राजा रघुवंशी हत्याकांड को लेकर पूरे देश में गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है। इसी संदर्भ में शनिवार को इंदौर के रीगल चौराहे पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष राजा रघुवंशी के परिवार के सदस्यों और स्थानीय निवासियों ने कैंडल मार्च निकाला और हत्यारों को फांसी देने की मांग की।
इस मार्च के दौरान लोग हाथों में मोमबत्तियां लेकर गांधी की प्रतिमा के समक्ष एकत्रित हुए और मृतक राजा रघुवंशी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाएं, युवा और समाजसेवी भी उपस्थित रहे। सभी ने एक ही आवाज में कहा, 'हत्यारों को फांसी दो, इंसाफ दो!'
राजा रघुवंशी के भाई सचिन रघुवंशी ने कहा कि जिस बर्बरता के साथ मेरे भाई की हत्या की गई है, वह अत्यंत निंदनीय है। आरोपी चाहे कोई भी हो, उन्हें सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। मेरी शिलांग पुलिस से अपील है कि इस मामले में उच्च स्तर पर और निष्पक्ष जांच की जाए ताकि सभी दोषियों को फांसी की सजा दिलाई जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी साजिश इस हत्याकांड के पीछे है, वह पूरी तरह से सामने आनी चाहिए ताकि समाज में एक सशक्त संदेश दिया जा सके कि अपराधी कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों, वे कानून से बच नहीं सकते।
ज्ञात हो कि २ जून को सोनम के पति राजा रघुवंशी का शव मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले के सोहरा के रियात अर्लियांग में वेई सवाडोंग पार्किंग स्थल के नीचे एक गहरी खाई से बरामद किया गया था। पति की लाश मिलने के कुछ दिनों बाद सोनम ने ७ जून को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और उसे सड़क मार्ग से पटना ले जाया गया, फिर कोलकाता और फिर गुवाहाटी ले जाया गया।
गुवाहाटी एयरपोर्ट से उसे मंगलवार रात को सड़क मार्ग से शिलांग के सदर थाने लाया गया। बाकी चार आरोपियों को बुधवार को शिलांग लाया गया। ११ जून को सभी आरोपियों को शिलांग जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया।
कोर्ट में पेशी से पहले सोनम ने अपने पति राजा रघुवंशी की मौत में अपनी भूमिका को स्वीकार कर लिया था। मेघालय पुलिस ने जब उसके प्रेमी राज कुशवाहा से उसका आमना-सामना कराकर उससे पूछताछ की, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।