क्या झारखंड हाईकोर्ट ने अनुराग गुप्ता की डीजीपी नियुक्ति पर सरकार से जवाब मांगा?

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क्या झारखंड हाईकोर्ट ने अनुराग गुप्ता की डीजीपी नियुक्ति पर सरकार से जवाब मांगा?

सारांश

झारखंड हाईकोर्ट ने डीजीपी पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई। क्या यह नियुक्ति नियमों का उल्लंघन है? जानिए इस मामले की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • झारखंड हाईकोर्ट ने अनुराग गुप्ता की नियुक्ति पर सवाल उठाया है।
  • अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी।
  • याचिका में यूपीएससी की गाइडलाइन्स के उल्लंघन का आरोप है।
  • राज्य सरकार को अवमानना का सामना करना पड़ सकता है।

रांची, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में डीजीपी के पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति के मामले में भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। अदालत ने राज्य सरकार, केंद्र सरकार और यूपीएससी सहित सभी प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का एक और अवसर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को तय की गई है।

चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस याचिका पर 24 मार्च को सुनवाई की थी और सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए 16 जून तक जवाब देने का आदेश दिया था। मरांडी ने अपनी याचिका में कहा है कि डीजीपी के पद पर गुप्ता की नियुक्ति में यूपीएससी की गाइडलाइन्स और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अनदेखी की गई है।

याचिका में झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, डीजीपी चयन समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा, और समिति के सदस्य पूर्व डीजीपी नीरज सिन्हा को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने पिछले सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने बिना किसी गंभीर आरोप के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह को कार्यकाल पूरा किए बगैर डीजीपी के पद से हटा दिया, जबकि उनका कार्यकाल 14 फरवरी 2025 तक था।

मरांडी द्वारा दायर अवमानना याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी उल्लेख किया गया है, जिसके अनुसार डीजीपी के चयन के लिए राज्य सरकार की ओर से भेजे जाने वाले आईपीएस अधिकारियों के पैनल से यूपीएससी तीन बेहतर छवि और कार्यकाल वाले नामों का चयन करता है और इसके बाद राज्य की सरकार इनमें से किसी एक को कम से कम दो वर्ष के लिए डीजीपी के पद पर नियुक्त करती है।

इसी नियम के तहत राज्य सरकार ने 14 फरवरी 2023 को अजय कुमार सिंह को डीजीपी बनाया था, लेकिन उन्हें बिना किसी आरोप के कार्यकाल पूरा होने के पहले ही पद से हटा दिया गया। याचिका में प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश को दरकिनार करने और कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगाया गया है। यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए जो चयन समिति बनाई है, उसमें एक संघ लोक सेवा आयोग और एक झारखंड लोक सेवा आयोग का नामित सदस्य रखना अनिवार्य है, लेकिन सरकार ने अपने ही इस नियम का पालन नहीं किया। जिस चयन समिति ने डीजीपी पद पर नियुक्ति के लिए अनुराग गुप्ता के नाम की अनुशंसा की, उसकी बैठक में यूपीएससी और जेपीएससी का कोई सदस्य नहीं था।

Point of View

NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

झारखंड हाईकोर्ट ने किस मामले में सुनवाई की?
झारखंड हाईकोर्ट ने डीजीपी पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति के मामले में सुनवाई की।
अगली सुनवाई कब होगी?
अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित की गई है।
बाबूलाल मरांडी ने क्या आरोप लगाए हैं?
उन्होंने आरोप लगाया है कि डीजीपी की नियुक्ति में यूपीएससी की गाइडलाइन्स का पालन नहीं किया गया।