क्या कांवड़ यात्रा मार्ग पर क्यूआर कोड का आदेश लागू रहेगा? सुप्रीम कोर्ट ने रोक से किया इनकार

सारांश
Key Takeaways
- क्यूआर कोड का उपयोग कांवड़ यात्रा मार्ग पर अनिवार्य होगा।
- सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर रोक लगाने से किया इनकार।
- धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखना आवश्यक है।
- सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्तिगत पसंद को भी महत्वपूर्ण माना।
- सभी संबंधित होटल मालिकों को वैधानिक आवश्यकताओं का पालन करना होगा।
नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांवड़ यात्रा के मार्गों पर ढाबा और रेस्तरां पर क्यूआर कोड की अनिवार्यता का आदेश जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार किया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के मार्गों पर खानपान की दुकानों, ढाबों और रेस्तरां में मालिकों के नाम बताने वाले क्यूआर कोड को अनिवार्य बनाया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एनके सिंह की बेंच ने मंगलवार को सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में आदेश पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया।
जस्टिस सुंदरेश ने टिप्पणी करते हुए कहा, "मैं एक धर्मनिरपेक्ष सोच वाला व्यक्ति हूं। मुझे व्यक्तिगत रूप से इससे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन यह पूरी तरह से व्यक्तिगत पसंद का मामला है। यदि कोई रेस्तरां शुरू से ही पूरी तरह शाकाहारी है, तो उसमें कोई समस्या नहीं। लेकिन यदि वे केवल कांवड़ यात्रा के लिए अपने मेनू में परिवर्तन कर रहे हैं, तो वहां समस्या खड़ी हो सकती है।"
याचिकाकर्ताओं की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने क्यूआर कोड नियम को धार्मिक आधार पर प्रोफाइलिंग और मुस्लिम समुदाय का आर्थिक बहिष्कार करने वाला बताया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में पिछले फैसले का हवाला दिया। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "पिछले साल ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के इस तरह के फैसले पर रोक लगाई थी। ऐसे में इस नए आदेश के पहले सरकार को अदालत से अनुमति लेनी चाहिए थी।"
सुप्रीम कोर्ट ने एक और टिप्पणी में कहा, "कई लोग ऐसे भी हैं जो वहां भोजन नहीं करते जहां मांसाहार भी बनता है। ऐसे में यह जानने के लिए कोई संकेत होना चाहिए कि वहां क्या परोसा जा रहा है। धार्मिक भावनाएं आहत न हों, लेकिन साथ ही किसी की आजीविका भी प्रभावित न हो। हमें बीच का रास्ता निकालना होगा।"
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "हम केवल यह आदेश पारित करेंगे कि सभी संबंधित होटल मालिक वैधानिक आवश्यकताओं के अनुसार लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट प्रदर्शित करने के आदेश का पालन करें। हम स्पष्ट करते हैं कि हम अन्य विवादित मुद्दों पर अभी विचार नहीं कर रहे हैं।"
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जानकारी देते हुए अधिवक्ता बरुण सिन्हा ने कहा, "क्यूआर कोड के मामले में न्यायालय ने मंगलवार को कोई आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने केवल मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर अंतरिम आवेदन पर अपना फैसला सुनाया। आदेश है कि उन्हें लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिखाना होगा।"