क्या आपातकाल एक काला अध्याय है, जिसे देश कभी नहीं भूलेगा? : प्रवीण खंडेलवाल

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क्या आपातकाल एक काला अध्याय है, जिसे देश कभी नहीं भूलेगा? : प्रवीण खंडेलवाल

सारांश

भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने इसे देश के लिए एक काला अध्याय बताया, जो जनता की यादों में हमेशा रहेगा। जानिए खंडेलवाल ने इस समय की यातनाओं और वर्तमान राजनीति पर क्या कहा।

Key Takeaways

  • आपातकाल को देश के लिए एक काला अध्याय माना जाता है।
  • प्रवीण खंडेलवाल ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया।
  • लोकतंत्र की रक्षा के लिए इतिहास को याद रखना जरूरी है।
  • आतंकवाद के खिलाफ सरकार की सख्त नीति है।
  • यातनाएं और दमन का इतिहास हमें जागरूक करता है।

नई दिल्ली, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बुधवार को आपातकाल की ५०वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि आपातकाल इस देश के लिए एक काला अध्याय है, जिसे जनता कभी नहीं भुला सकेगी।

उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि मुझे आज भी याद है कि आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए कैदियों को तीस हजारी कोर्ट लाया जाता था। उनके हाथों में हथकड़ी लगाई जाती थी, जबकि वो कोई मुजरिम नहीं थे। उस समय वे यह नारा लगाते थे कि ‘हथकड़ियों की झंकार सुनो... जनतंत्र की ललकार सुनो... ना चली है और ना ही चलेगी, तानाशाहों की सरकार सुनो... ना अपील है, ना वकील है और ना ही दलील है, बस गली-गली जलील है।

उन्होंने कहा कि मेरे खुद के लोकसभा क्षेत्र में लोगों की जबरन नसबंदी कराई गई थी। उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उन्हें विभिन्न प्रकार की यातनाएं दी गईं थी, जिन्हें याद कर आज भी दिल दहल उठता है। हमें अपने देश के लोकतंत्र को मजबूत रखने के लिए इन घटनाओं को याद रखना होगा, हमें यह याद रखना होगा कि किस तरह तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र के संरक्षकों पर हमला किया था, किस तरह उनके साथ अत्याचार किए गए थे।

उन्होंने आतंकवाद पर भी अपनी बात रखी। खंडेलवाल ने कहा कि हमारी सरकार आतंकवाद को खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हम इसे हर कीमत पर समाप्त करेंगे, क्योंकि आतंकवाद अब केवल देश के लिए नहीं, बल्कि समस्त मानवता के लिए खतरा बन चुका है। आतंकवाद पर सरकार सख्त थी, है और हमेशा रहेगी।

मतदाता सूची को लेकर शिकायत करने वाले राजनीतिक दलों पर भी भाजपा नेता ने टिप्पणी की। उन्होंने स्पष्ट किया कि मतदाता सूची में कोई गड़बड़ी नहीं है। ऐसे में जो लोग इसे लेकर शिकायत कर रहे हैं, अब उनके पास कोई काम-धंधा नहीं रह गया है। ऐसे दलों को देश की जनता खारिज कर चुकी है। हर राज्य में जनता इन्हें अस्वीकृत कर रही है। इसी वजह से इनके मन में कुंठा है। हमारी पार्टी हमेशा देश की जनता के हित के लिए काम करती थी और आगे भी करती रहेगी।

उन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा पर निकले शुभांशु शुक्ला की भी तारीफ की और कहा कि यह देश के लिए गर्व का पल है। हम सब बहुत खुश हैं। राकेश शर्मा द्वारा शुरू किया गया सफर अब भी अनवरत जारी है।

Point of View

NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

आपातकाल क्या था?
आपातकाल भारत में 1975 से 1977 तक लागू किया गया था, जहां नागरिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था।
आपातकाल के दौरान क्या हुआ?
इस दौरान कई नेताओं और नागरिकों को गिरफ्तार किया गया, और कई प्रकार की यातनाएं दी गईं।
प्रवीण खंडेलवाल ने क्या कहा?
उन्होंने आपातकाल को देश के लिए एक काला अध्याय बताया और कांग्रेस पर निशाना साधा।
आपातकाल के समय किसका सबसे ज्यादा दमन हुआ?
आपातकाल के दौरान कई समाजसेवियों, नेताओं और नागरिकों का दमन किया गया।
क्या आपातकाल से कुछ सीखने की आवश्यकता है?
हां, हमें यह याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है।