क्या विपक्ष फर्जी वोटर के सहारे चुनाव जीतना चाहता है? - बृजमोहन अग्रवाल

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क्या विपक्ष फर्जी वोटर के सहारे चुनाव जीतना चाहता है? - बृजमोहन अग्रवाल

सारांश

संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है, पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि 'ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए।' बृजमोहन अग्रवाल ने विपक्ष पर फर्जी वोटर के सहारे चुनाव जीतने का आरोप लगाया है। जानें इस पर उनकी विस्तृत राय।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी का संदेश: 'ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए।'
  • विपक्ष पर फर्जी वोटर के सहारे चुनाव जीतने का आरोप।
  • एसआईआर प्रक्रिया पूरी तरह संविधानिक है।
  • सदन में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन आवश्यक है।
  • सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष को भी प्रक्रियाओं का सम्मान करना चाहिए।

नई दिल्‍ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से आरंभ हो चुका है। सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि “ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए और नारा नहीं, नीति चाहिए।” इसी बयान के आधार पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तेज राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने पीएम मोदी के इस बयान का समर्थन किया है।

उन्‍होंने विपक्ष के एसआईआर के विरोध पर जवाब देते हुए कहा कि क्या विपक्ष फर्जी वोटर के माध्यम से चुनाव जीतने की कोशिश कर रहा है?

भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में प्रधानमंत्री के संदेश की पुष्टि करते हुए कहा कि विपक्ष लगातार सदन की कार्यवाही में रुकावट डालकर सार्थक चर्चा से बच रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले महीने का पूरा सत्र एसआईआर को लेकर बर्बाद कर दिया गया, जबकि बिहार में एसआईआर प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न हुई और उसके बाद आए विधानसभा चुनाव नतीजों ने विपक्ष को स्पष्ट संदेश दे दिया है।

अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष से नीति और मुद्दों पर चर्चा करने का आग्रह किया है, लेकिन विपक्ष इसे स्वीकार नहीं कर रहा है। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग हर 20 वर्षों में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण करता है और इसी प्रक्रिया के तहत एसआईआर किया जा रहा है। जब यह संवैधानिक प्रक्रिया है तो विपक्ष को समस्या क्यों हो रही है? क्या विपक्ष फर्जी वोटर के सहारे चुनाव जीतना चाहता है?

उन्होंने कहा कि लोकसभा की कार्यवाही में रुकावट डालना लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए उचित नहीं है, क्योंकि सदन चर्चा और समाधान का स्थान है, न कि राजनीतिक ड्रामा का। उनके अनुसार, विपक्ष जनता के हितों के बजाय अपने राजनीतिक हितों की चिंता में सदन की प्रक्रिया को बाधित कर रहा है, जिससे समाज और जनता दोनों का नुकसान हो रहा है।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के उस बयान पर, जिसमें उन्होंने कहा था कि एसआईआर पर चर्चा कोई ड्रामा नहीं है, अग्रवाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि एसआईआर चुनाव आयोग द्वारा कराई जाने वाली प्रक्रिया है, जो एक पूर्णतः संविधानिक संस्था है और इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता। ऐसे मुद्दे पर चर्चा की मांग करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि लगता है वहां के नेता नियमों और कानून की साख बनाए रखने में विश्वास नहीं रखते।

अग्रवाल ने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष को भी संवैधानिक प्रक्रियाओं का सम्मान करते हुए लोकतांत्रिक दायरे में रहकर काम करना चाहिए।

Point of View

यह स्पष्ट है कि विपक्ष की कार्रवाई लोकतंत्र की प्रक्रिया को बाधित कर रही है। राजनीतिक लाभ के लिए संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करना आवश्यक है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या एसआईआर प्रक्रिया संवैधानिक है?
हाँ, एसआईआर प्रक्रिया चुनाव आयोग द्वारा कराई जाती है, जो पूर्णतः संविधानिक संस्था है।
बृजमोहन अग्रवाल ने विपक्ष पर क्या आरोप लगाए?
उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष फर्जी वोटर के सहारे चुनाव जीतना चाहता है।
प्रधानमंत्री का क्या संदेश था?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए और नारा नहीं, नीति चाहिए।'
क्या विपक्ष सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहा है?
हाँ, बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि विपक्ष लगातार कार्यवाही में रुकावट डाल रहा है।
सरकार चर्चा के लिए कितनी तैयार है?
सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष को भी प्रक्रियाओं का सम्मान करना चाहिए।
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