क्या मथुरा में गोवर्धन पूजा धूमधाम से मनाई गई? द्वारिकाधीश मंदिर में भक्तों की भीड़

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क्या मथुरा में गोवर्धन पूजा धूमधाम से मनाई गई? द्वारिकाधीश मंदिर में भक्तों की भीड़

सारांश

मथुरा में गोवर्धन पूजा की धूमधाम से मनाई गई, जहां भक्तों ने द्वारिकाधीश मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस पावन अवसर पर, भक्तों ने गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा की और भगवान श्रीकृष्ण से सुख और समृद्धि की कामना की। जानें इस धार्मिक उत्सव की विशेषताएँ और महत्व।

Key Takeaways

  • गोवर्धन पूजा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है।
  • भक्तों ने मंदिर में छप्पन भोग अर्पित किए।
  • मंदिर परिसर को सजाया गया था, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया।
  • यह पर्व प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है।

मथुरा, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। गोवर्धन पूजा को मथुरा में पारंपरिक उत्साह और गहरी श्रद्धा के साथ मनाया गया। यहाँ के प्रसिद्ध द्वारिकाधीश मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया, जहाँ सुबह से ही भक्तों का विशाल सैलाब उमड़ पड़ा।

मथुरा में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भगवान श्रीकृष्ण की लीला भूमि है। मान्यता है कि इसी दिन श्रीकृष्ण ने इंद्र के प्रकोप से ब्रजवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर उठाया था। इस परंपरा को जीवंत रखते हुए द्वारिकाधीश मंदिर परिसर में भक्तों ने गोबर से गोवर्धन पर्वत की प्रतीकात्मक प्रतिमा बनाई और उसकी विधिवत पूजा की।

भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण को छप्पन भोग और अन्नकूट का प्रसाद चढ़ाया। मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पुजारियों ने पूजा संपन्न कराई। श्रद्धालुओं ने गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा की और भक्ति भरे मंगल गीत गाए। पूरा मंदिर परिसर 'गिरिराज धरण की जय' के जयकारों से गूंज उठा। भक्तों ने गोवर्धन महाराज की पूजा कर सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की। दिल्ली-एनसीआर समेत देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं ने मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर अपनों के कल्याण की कामना की। भक्तों ने राधे-राधे कहते हुए गोवर्धन की परिक्रमा की।

मंदिर में सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। भक्तों ने उत्साह के साथ पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया और इस पावन अवसर पर पुण्य अर्जित किया। मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों और दीयों से सजाया गया था, जिससे वहाँ का माहौल और भी भक्तिमय हो गया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि गोवर्धन पूजा मथुरा की संस्कृति और आस्था का अभिन्न हिस्सा है। इस पर्व के माध्यम से लोग प्रकृति और पर्यावरण के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। द्वारिकाधीश मंदिर में इस बार भी गोवर्धन पूजा का आयोजन भव्य और आध्यात्मिक रहा, जिसने भक्तों के मन में भक्ति और श्रद्धा का संचार किया।

Point of View

बल्कि यह मथुरा की सांस्कृतिक धरोहर को भी दर्शाता है। यहाँ के लोग इस पर्व के माध्यम से प्रकृति और पर्यावरण के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। इस प्रकार के आयोजनों से न केवल धार्मिक भावनाएं प्रबल होती हैं, बल्कि समाज में एकजुटता और भाईचारे का भी संचार होता है।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है?
गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाने की याद में मनाई जाती है, जब उन्होंने ब्रजवासियों की रक्षा की थी।
मथुरा में गोवर्धन पूजा का महत्व क्या है?
मथुरा में गोवर्धन पूजा का विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, क्योंकि यह भगवान श्रीकृष्ण की लीला भूमि है।
द्वारिकाधीश मंदिर में गोवर्धन पूजा कैसे मनाई जाती है?
द्वारिकाधीश मंदिर में भक्त गोबर से गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा बनाते हैं और उसे विधिपूर्वक पूजा करते हैं।