क्या ओडिशा में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं, मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी चिंता का विषय है।
- सरकार को महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
- बीजेडी ने जीरो टॉलरेंस नीति की घोषणा की है।
- गोपालपुर की घटना ने सरकार की विफलता को उजागर किया है।
- महिला आयोग का गठन आवश्यक है।
भुवनेश्वर, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। बीजू जनता दल की प्रमुख नेता और प्रवक्ता लेखाश्री सामंतसिंघर ने गोपालपुर में एक छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार की गंभीर घटना के बाद ओडिशा की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री से इस्तीफा देने की मांग की है।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में लेखाश्री ने कहा कि गोपालपुर में 10 लोगों द्वारा एक कॉलेज छात्रा का सामूहिक बलात्कार एक शर्मनाक और भयावह घटना है। इस घटना ने भाजपा के नेतृत्व वाली ओडिशा सरकार की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति विफलता को उजागर किया है। गोपालपुर, जो हमारे राज्य के प्रमुख पर्यटन और पारिस्थितिकी केंद्रों में से एक है, अब क्रूर हिंसा का स्थल बन गया है। पुलिस क्या कर रही थी? इतनी महत्वपूर्ण जगह पर ऐसी घटना को रोकने के लिए कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
उन्होंने कहा कि जब से भाजपा सत्ता में आई है, महिलाओं के खिलाफ अपराध में महज एक महीने में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ओडिशा में औसतन हर दिन चार महिलाओं और बच्चों के साथ बलात्कार होता है। यह चिंताजनक और अस्वीकृत है। यह कानून-व्यवस्था के पूर्णतः ध्वस्त होने की ओर इशारा करता है। इन समस्याओं को हल करने के बजाए, मुख्यमंत्री और उनका मंत्रिमंडल जनता के पैसे से जश्न मनाने में व्यस्त हैं।
बीजेडी नेता ने कहा कि ओडिशा में वर्तमान में कोई सक्रिय महिला आयोग या बाल आयोग नहीं है, जो स्पष्ट रूप से भाजपा सरकार की महिलाओं और बाल कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता की कमी को दर्शाता है। हम महिला एवं बाल विकास मंत्री से तुरंत इस्तीफे की मांग करते हैं, जिनके पास पर्यटन विभाग भी है। सरकार को तुरंत सभी समारोहों को रोक देना चाहिए और पूरे राज्य में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और सम्मान बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। ओडिशा की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री प्रावती परिदा हैं।
लेखाश्री ने कहा कि बीजेडी महिलाओं के खिलाफ अपराध पर जीरो टॉलरेंस नीति, महिला और बाल अधिकार आयोगों का तत्काल गठन, और महिलाओं के लिए समर्पित सुरक्षा बल की मांग करती है। अपराध के बाद कितनी भी गिरफ्तारियां पीड़िता को सम्मान नहीं लौटा सकतीं। सरकार का ध्यान ऐसी घटनाओं की रोकथाम, सुरक्षा, और जवाबदेही पर केंद्रित होना चाहिए।