क्या राजीव चंद्रशेखर का आरोप सही है कि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है?

सारांश
Key Takeaways
- राजीव चंद्रशेखर ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया।
- जमात-ए-इस्लामी का इतिहास विवादास्पद रहा है।
- कांग्रेस की राजनीति में भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण के आरोप गंभीर हैं।
- कांग्रेस के नेताओं ने जमात-ए-इस्लामी को एंटी-नेशनल करार दिया है।
- राजनीतिक दलों को अपने सिद्धांतों से भटकने से बचना चाहिए।
तिरुवनन्तपुरम, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राजीव चंद्रशेखर ने हाल ही में जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि यह संगठन 1941 में स्थापित हुआ था और समय-समय पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस पर सवाल उठाए हैं। यहां तक कि ओमन चांडी जैसे कांग्रेस नेता ने इसे कोर्ट में "एंटी-नेशनल" घोषित किया था।
राजीव चंद्रशेखर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान सालों से आतंकवाद को जस्टिफाई करता रहा है, और कांग्रेस की स्थिति भी ऐसी ही है। बिहार, केरल और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का हाल भी ऐसा ही है। उन्होंने कहा कि यह बेशर्मी की हद है। उनके पास एक हाथ में संविधान, मुंह में सेक्युलरिज्म है, लेकिन राजनीति जमात-ए-इस्लामी के साथ करते हैं।
उन्होंने आगे कहा, "लोगों को जानना चाहिए कि कांग्रेस की सच्चाई क्या है। कर्नाटक में क्या स्थिति हुई है, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में अर्थव्यवस्था का क्या हाल है। उनके पास विकास और गवर्नेंस के लिए कुछ नहीं है, केवल भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण है।"
चंद्रशेखर ने कहा, "कांग्रेस इस भारत विरोधी जमात-ए-इस्लामी को मुख्यधारा की राजनीति में लाने की कोशिश कर रही है। जमात ए इस्लामी के हेड (अमीर) का नाम मुजीबुर रहमान है। हाल ही में उन्होंने कहा था कि देश की कोई भी पार्टी नहीं है, जिसने जमात की मदद नहीं ली। केवल भाजपा है, जिसने मदद नहीं ली है।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने सालों से लोगों को भड़काकर राजनीति की है। बिहार-यूपी में इमारत-ए-शरिया के साथ, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना में जमात-ए-इस्लामी के साथ उनकी राजनीति चल रही है। हम पहले ही तुष्टिकरण की राजनीति के सबूत देख चुके हैं। मुंबई हमले से लेकर बाटला हाउस तक सब देश ने देखा है।"
प्रियंक खड़गे पर बोलते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि कांग्रेस का रिमोट जमात-ए-इस्लामी जैसी पार्टियों के हाथ में है। यह लोग मुस्लिम कम्युनिटी को भड़काना चाहते हैं। खड़गे ने कहा कि वे आपातकाल की 50वीं सालगिरह क्यों मना रहे हैं। यह सबूत है कि कांग्रेस किस तरह से लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर रही है।