क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की?

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क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की?

सारांश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर कई अन्य नेताओं ने भी उनके बलिदान को याद किया। आइए जानते हैं उनके योगदान और शिक्षाओं के बारे में।

Key Takeaways

  • गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान धार्मिक स्वतंत्रता के लिए है।
  • उनका जीवन सत्य और न्याय का संदेश देता है।
  • राष्ट्रपति का श्रद्धांजलि देना हमारे इतिहास के प्रति सम्मान है।
  • हम सभी को उनके आदर्शों को अपनाना चाहिए।
  • गुरु जी की शिक्षाएं मानवता के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

नई दिल्ली, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आध्यात्मिक व्यक्तित्व और मातृभूमि के प्रति प्रेमी नौवें सिख गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी का ३५०वां शहीदी दिवस आज मनाया जा रहा है। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समेत कई प्रमुख नेताओं ने उनके बलिदान को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "श्री गुरु तेग बहादुर जी के ३५०वें शहीदी दिवस पर मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। धर्म, न्याय और दृढ़ता के मार्ग पर चलने का उनका संदेश सम्पूर्ण मानवता के लिए प्रेरणास्रोत है।"

आस्था और मानवाधिकार की रक्षा के लिए किए गए उनके बलिदान को याद करते हुए राष्ट्रपति ने लिखा, "हमें हर परिस्थिति का सामना साहस, धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ करने की शक्ति मिलती है। आइए, हम उनकी शिक्षाओं को आत्मसात कर सशक्त और विकसित भारत के निर्माण के लिए निरंतर आगे बढ़ते रहें।"

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "धर्म की रक्षा और मानवता के कल्याण के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महान धर्म योद्धा, सिखों के नौवें गुरु, 'हिंद दी चादर' श्रद्धेय श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज के शहीदी दिवस पर उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन करता हूं। आपके पवित्र विचार और शिक्षाएं अनंतकाल तक मानवता के शुभत्व और मंगल का पथ प्रशस्त करती रहेंगी।"

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरु तेग बहादुर जी को धार्मिक दृढ़ता, निर्भयता और मानवीय मूल्यों का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "गुरु जी का जीवन सत्य, न्याय, प्रेम और एकता का संदेश देता है। उनका बलिदान हमें सदैव अन्याय के विरुद्ध खड़े होने और मानवता की सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा।"

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी श्रद्धेय गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान दिवस पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री ने कहा, "उनकी शहादत देश की आत्मा में बसती है और सदैव सत्य, साहस और इंसानियत के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती रहेगी।"

Point of View

बल्कि एक सशक्त और एकजुट भारत की आवश्यकता की पुष्टि भी करता है। ऐसे अवसरों पर हम सभी को एकजुट होकर उनके आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा लेनी चाहिए।
NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

गुरु तेग बहादुर जी का योगदान क्या है?
गुरु तेग बहादुर जी ने धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के लिए बलिदान दिया। उनका जीवन सत्य, न्याय और एकता का प्रतीक है।
गुरु तेग बहादुर जी को कौन सा सम्मान मिला?
उन्हें 'हिंद दी चादर' की उपाधि दी गई है, जो उनके बलिदान और मानवता के प्रति उनके योगदान को दर्शाती है।
राष्ट्रपति ने क्या कहा?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि गुरु जी का संदेश संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणास्रोत है।
क्या अन्य नेताओं ने भी श्रद्धांजलि दी?
हाँ, केंद्रीय मंत्री और कई राज्य के मुख्यमंत्रियों ने भी गुरु जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान किस कारण हुआ?
उनका बलिदान धर्म, न्याय और मानवाधिकार की रक्षा के लिए हुआ।
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