क्या श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए तैयार है?

सारांश
Key Takeaways
- श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद का कानूनी समाधान
- इलाहाबाद हाई कोर्ट में 18 याचिकाएं लंबित
- मस्जिद पक्ष द्वारा समेकित मुकदमे पर रोक लगाने की मांग
- अयोध्या विवाद की तर्ज पर सुनवाई
- हिंदू और मुस्लिम पक्षों के दावे
प्रयागराज, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में आज सुनवाई होने वाली है। यह सुनवाई शुक्रवार को दोपहर दो बजे निर्धारित की गई है और इसे जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की सिंगल बेंच में किया जाएगा।
इस मामले में हाई कोर्ट में हिंदू पक्ष की 18 याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। इन याचिकाओं में शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और भूमि पर कब्जे की मांग की गई है। मस्जिद पक्ष ने 22 अगस्त को सीपीसी की धारा 151 के तहत एक आवेदन दायर किया, जिसमें समेकित मुकदमों की आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
मस्जिद पक्ष ने मूल वाद संख्या 17/2023, जिसे प्रतिनिधि वाद के रूप में नामित किया गया है, के साथ आगे की कार्रवाई जारी रखने की प्रार्थना की है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के इस आवेदन पर आपत्ति दर्ज करने के लिए हिंदू पक्ष को निर्देशित किया था।
आपको बताना चाहिए कि उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण 17वीं सदी में औरंगजेब के शासनकाल में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर बने प्राचीन केशवदेव मंदिर को तोड़कर किया गया था। उनका कहना है कि यह स्थल भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है।
दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष मस्जिद की ऐतिहासिक और कानूनी वैधता का दावा करता है। इस विवाद में मंदिर की जमीन पर स्वामित्व, पूजा का अधिकार और स्थल की पुरातात्विक जांच जैसे मुद्दे शामिल हैं। वर्तमान में इलाहाबाद हाई कोर्ट में 18 से अधिक याचिकाएं लंबित हैं, जिनमें दोनों पक्ष अपने-अपने दावे प्रस्तुत कर रहे हैं।
इन याचिकाओं पर हाई कोर्ट में अक्टूबर 2023 से सुनवाई जारी है। हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद की तर्ज पर सीधे कर रहा है। कोर्ट ने पहले ही कई याचिकाओं को एक साथ जोड़कर सुनवाई शुरू की है, ताकि मामले को जल्दी सुलझाया जा सके।