क्या सुप्रीम कोर्ट ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप पर सख्त हुआ है?

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क्या सुप्रीम कोर्ट ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप पर सख्त हुआ है?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स पर रोक लगाने की मांग को लेकर सभी राज्यों और बड़ी कंपनियों को नोटिस जारी किया है। यह मामला जनहित से जुड़ा है और युवा पीढ़ी पर इसके गंभीर प्रभाव पड़ रहे हैं। क्या जल्द ही आएगा अंतरिम निर्णय?

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को नोटिस जारी किया।
  • ऑनलाइन सट्टेबाजी पर रोक की मांग की गई है।
  • युवा पीढ़ी पर सट्टेबाजी के नकारात्मक प्रभाव।
  • गूगल और मेटा पर अवैध ऐप्स को बढ़ावा देने का आरोप।
  • अगली सुनवाई में महत्वपूर्ण निर्णय की उम्मीद।

नई दिल्ली, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाने की मांग के संबंध में दाखिल की गई एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने गूगल इंडिया और एप्पल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को भी नोटिस भेजकर उत्तर मांगा है।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला जनहित से संबंधित है और इसे गंभीरता से लेना आवश्यक है। अदालत ने यह भी कहा कि अगली सुनवाई में ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स पर अंतरिम रोक लगाने की मांग पर निर्णय लिया जाएगा। इससे पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर जवाब मांगा था।

यह याचिका ईसाई धर्म प्रचारक के. ए. पॉल द्वारा प्रस्तुत की गई है। याचिका में कहा गया है कि ये ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स पूरी तरह से जुआ खेलने के सामान हैं। इनकी लत के कारण लाखों युवा बर्बाद हो रहे हैं और इसका असर उनके परिवारों पर भी पड़ रहा है। याचिका में दावा किया गया है कि केवल तेलंगाना राज्य में ही सट्टेबाजी ऐप की लत के कारण 1,023 लोगों ने आत्महत्या की है।

इसके अतिरिक्त, याचिका में कहा गया है कि बॉलीवुड और टॉलीवुड से जुड़े लगभग 25 अभिनेता इन ऐप्स का प्रचार कर रहे हैं। कई सेलिब्रिटी खिलाड़ी और अभिनेता इन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे युवा पीढ़ी गलत दिशा में जा रही है। अब सुप्रीम कोर्ट इस पूरे मामले को गंभीरता से देख रहा है और जल्द ही इस पर कोई अंतरिम निर्णय आ सकता है।

28 जुलाई को गूगल और मेटा को समन जारी कर दिल्ली ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। 21 जुलाई को भी इन दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे ईडी कार्यालय नहीं पहुंच पाए थे, जिससे दोबारा समन जारी करना पड़ा।

ईडी का आरोप है कि गूगल और मेटा ने अपने प्लेटफार्मों पर इन अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को विज्ञापनों के माध्यम से बढ़ावा दिया और इनकी पहुंच को व्यापक बनाने में मदद की। जांच में पता चला है कि ये ऐप्स स्किल-बेस्ड गेमिंग के नाम पर अवैध सट्टेबाजी को बढ़ावा देते हैं। इन प्लेटफार्मों के माध्यम से करोड़ों रुपए की अवैध कमाई की गई, जिसे हवाला चैनलों के माध्यम से छिपाया गया ताकि जांच से बचा जा सके।

Point of View

NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस किसे जारी किया है?
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और गूगल इंडिया, एप्पल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किया है।
इस याचिका के पीछे कौन है?
यह याचिका ईसाई धर्म प्रचारक के. ए. पॉल द्वारा दाखिल की गई है।
क्या ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स का समाज पर प्रभाव है?
हां, ये ऐप्स युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहे हैं और इसके कारण कई आत्महत्याएं भी हुई हैं।
आगे क्या कदम उठाए जाएंगे?
सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई में ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स पर अंतरिम रोक लगाने की मांग पर फैसला लेगा।
ईडी का आरोप क्या है?
ईडी का आरोप है कि गूगल और मेटा ने अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को अपने प्लेटफार्मों पर बढ़ावा दिया है।