क्या तिल का तेल बालों और हड्डियों के लिए एक अद्भुत उपाय है?
सारांश
Key Takeaways
- तिल का तेल आयुर्वेद में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
- यह बालों और त्वचा के लिए अत्यंत लाभकारी है।
- सर्दियों में तिल का तेल स्वास्थ्य के लिए अमृत समान है।
- इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर के लिए फायदेमंद हैं।
- बच्चों के लिए यह एक सुरक्षित विकल्प है।
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय संस्कृति और स्वास्थ्य विज्ञान में तिल का तेल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथ, चरक संहिता, में इसे 'सर्वश्रेष्ठ तेल' के रूप में उल्लेखित किया गया है।
यह मुख्यतः वात और कफ दोषों को संतुलित (शमन) करता है, जिससे यह शरीर के विभिन्न कार्यों के लिए आदर्श बनता है। इसके साथ ही, यह शरीर को आवश्यक ऊष्मा भी प्रदान करता है।
इसके नियमित उपयोग को दीर्घायु, चमकदार त्वचा, और मजबूत हड्डियों के लिए एक मूल मंत्र माना जाता है। यह केवल शरीर को पोषण नहीं देता, बल्कि आंतरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देकर रोगों से लड़ने में एक प्राकृतिक सुरक्षा कवच भी प्रदान करता है।
संक्षेप में, तिल का तेल केवल एक खाद्य तेल नहीं, बल्कि एक संपूर्ण औषधीय और पौष्टिक आधार है।
बालों के झड़ने की समस्या में यह तेल अत्यंत प्रभावी है। तिल के तेल में मेथी दाना डालकर गर्म करने के बाद उससे सिर की मालिश करने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और रूसी की समस्या कम होती है। त्वचा की देखभाल में भी यह एक प्राकृतिक मॉइश्चराइजर का काम करता है। रात में गुनगुना तेल चेहरे पर लगाने से त्वचा की नमी बरकरार रहती है, झुर्रियां कम होती हैं और चेहरा चमकदार दिखता है।
सर्दी-खांसी में तिल के तेल में अजवाइन डालकर छाती और पीठ की मालिश करने से बलगम ढीला होता है और सांस लेने में राहत मिलती है। जोड़ों के दर्द में तिल का तेल गर्म करके उसमें हल्दी मिलाकर लगाने से सूजन और अकड़न में राहत मिलती है।
आयुर्वेदिक पद्धति ऑयल पुलिंग में भी तिल का तेल अत्यंत लाभकारी है। सुबह खाली पेट एक चम्मच तेल को मुंह में 2-3 मिनट तक घुमाकर थूकने से दांतों और मसूड़ों की मजबूती बढ़ती है तथा मुंह की दुर्गंध दूर होती है। नींद की समस्या वाले लोगों के लिए रात में सिर और तलवों में तिल का तेल लगाने से मन शांत होता है और गहरी नींद आती है। बच्चों की मालिश के लिए यह सबसे सुरक्षित तेल माना जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
सर्दियों में तिल का तेल अमृत समान है। इसकी गर्म तासीर शरीर को ठंड से बचाती है, स्किन ड्राइनेस को कम करती है और रक्त संचार को बेहतर बनाती है।
वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो तिल का तेल एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है। इसमें विटामिन के, लेसिथिन, टायरोसीन और सेसमोल जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क की कार्यक्षमता, हड्डियों की मजबूती और दिल की सेहत के लिए लाभकारी हैं।