क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर 13 जुलाई से चीन दौरे पर जा रहे हैं?

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क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर 13 जुलाई से चीन दौरे पर जा रहे हैं?

सारांश

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर 13 जुलाई को चीन की यात्रा पर जा रहे हैं। यह दौरा गलवान घाटी की झड़प के बाद उनकी पहली यात्रा है। वे एससीओ बैठक में भाग लेंगे, जो भारत-चीन संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • डॉ. एस. जयशंकर का दौरा 13 जुलाई से शुरू होगा।
  • यह दौरा गलवान घाटी की झड़प के बाद का है।
  • वे एससीओ बैठक में भाग लेंगे।
  • भारत-चीन संबंधों को सामान्य करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • इस यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की संभावना है।

नई दिल्ली, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बाद, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर अगले सप्ताह चीन की यात्रा पर जाने वाले हैं। जानकारी के अनुसार, वह 13 जुलाई से तीन दिवसीय दौरे पर बीजिंग और तिआनजिन पहुंचेंगे, जहां वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस वर्ष एससीओ की अध्यक्षता चीन कर रहा है।

यह यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यह गलवान घाटी की हिंसक झड़प (जून 2020) के बाद जयशंकर की पहली चीन यात्रा होगी। इससे पहले उन्होंने विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात की है, लेकिन यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों की बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

विदेश मंत्री का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत-चीन संबंधों को सामान्य करने की दिशा में कई उच्चस्तरीय मुलाकातें हो चुकी हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अक्टूबर 2023 में रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान हुई द्विपक्षीय बैठक ने इस प्रक्रिया को गति दी। यह बैठक पांच वर्षों में पहली बार प्रतिनिधिमंडल स्तर पर हुई थी।

बैठक में पीएम मोदी ने स्पष्ट किया था कि भारत-चीन संबंधों को तीन "परस्परों" परस्पर विश्वास, परस्पर सम्मान और परस्पर संवेदनशीलता के आधार पर आगे बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि यह संबंध सकारात्मक दिशा में लौट सकें और टिकाऊ बन सकें।

इसके बाद, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बीजिंग का दौरा किया और विभिन्न जटिल मुद्दों पर गहन चर्चा की।

एससीओ के सुरक्षा सलाहकारों की 20वीं बैठक में, अजीत डोभाल ने कहा था कि भारत आतंकवादी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अल-कायदा और आईएसआईएस से उत्पन्न खतरे को लेकर गहरी चिंता में है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मापदंड को त्यागने और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों व संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया।

डोभाल की चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात में भारत-चीन संबंधों की हालिया स्थिति की समीक्षा की गई और द्विपक्षीय विकास को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। साथ ही आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई की जरूरत पर भी चर्चा की गई।

इसी दौरान, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक के इतर चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से मुलाकात की। बैठक में, दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, रक्षा मंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति लाने के लिए दोनों देशों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने जटिल मुद्दों को स्थायी वार्ता और निरंतर संवाद के माध्यम से हल करने की जरूरत पर बल दिया।

सिंह ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के पांच साल बाद पुनः शुरू होने की सराहना की और भारत-चीन कूटनीतिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।

Point of View

मैं मानता हूँ कि यह यात्रा भारत-चीन संबंधों में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह समय है जब दोनों देशों को अपनी आपसी चिंताओं को लेकर संवाद स्थापित करना चाहिए। हमें उम्मीद है कि यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाएगा।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

विदेश मंत्री का चीन दौरा कब है?
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का चीन दौरा 13 जुलाई से शुरू होगा।
इस दौरे का उद्देश्य क्या है?
इस दौरे का उद्देश्य शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेना और भारत-चीन संबंधों को सामान्य करना है।
क्या यह दौरा महत्वपूर्ण है?
हाँ, यह दौरा गलवान घाटी की झड़प के बाद जयशंकर की पहली यात्रा है, जो महत्वपूर्ण है।