क्या अमेरिका-ईरान के बढ़ते तनाव ने सेंसेक्स में भारी गिरावट लायी?

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क्या अमेरिका-ईरान के बढ़ते तनाव ने सेंसेक्स में भारी गिरावट लायी?

सारांश

गुरुवार को भारतीय शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट आई, जो कि अमेरिका-ईरान के बढ़ते तनाव और कमजोर वैश्विक संकेतों का परिणाम है। सेंसेक्स में 823 अंक की गिरावट हुई, जिससे निवेशकों के मनोबल पर असर पड़ा। जानिए इस गिरावट के पीछे के कारण और बाजार की वर्तमान स्थिति के बारे में।

Key Takeaways

  • अमेरिका-ईरान के तनाव ने बाजार को प्रभावित किया।
  • सेंसेक्स में 823 अंक की गिरावट आई।
  • मिडकैप और स्मॉलकैप में अधिक बिकवाली देखी गई।
  • सभी सेक्टोरल सूचकांक में गिरावट आई।
  • सोने में सुरक्षित निवेश के लिए खरीदारी का नया दौर शुरू हो रहा है।

मुंबई, 12 जून (राष्ट्र प्रेस)। कमजोर वैश्विक संकेतों और अमेरिका-ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने निवेशकों के मनोबल को प्रभावित किया, जिसके कारण गुरुवार को भारतीय शेयर बाजारों में गंभीर गिरावट आई।

कारोबार के समाप्ति पर सेंसेक्स 823.16 अंक या 1.00 प्रतिशत की कमी के साथ 81,691.98 पर और निफ्टी 253.20 अंक या 1.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,888.20 पर रहा।

सेंसेक्स के 30 शेयरों में टाटा मोटर्स, टाइटन, पावर ग्रिड, टाटा स्टील, एलएंडटी और महिंद्रा एंड महिंद्रा शीर्ष हानि में रहे, प्रत्येक में 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। केवल बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स और टेक महिंद्रा ने हरे निशान पर बने रहने में सफलता पाई।

लार्जकैप की तुलना में मिडकैप और स्मॉलकैप में अधिक बिकवाली देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 947.30 अंक या 1.60 प्रतिशत की कमी के साथ 58,440.85 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 333.70 अंक या 1.78 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,465.05 पर था।

सभी सेक्टोरल सूचकांक गिरावट के साथ समाप्त हुए। निफ्टी रियलिटी इंडेक्स ने सबसे खराब प्रदर्शन किया, जिसमें 2.02 प्रतिशत की गिरावट आई।

प्रमुख रियल एस्टेट कंपनियों जैसे फोनिक्स, गोदरेज प्रॉपर्टीज, अनंत राज, डीएलएफ, प्रेस्टीज, सोभा, ब्रिगेड और मैक्रोटेक डेवलपर्स के शेयरों में 3 प्रतिशत तक की कमी देखी गई।

एनर्जी, कंज्यूमर ड्यूरेबल, ऑयल एंड गैस, ऑटो, पीएसयू बैंक, एफएमसीजी, मेटल और फाइनेंशियल सर्विस में 1 प्रतिशत से अधिक की गिरावट रही।

जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के विनोद नायर ने कहा, "घरेलू बाजारों में कंसोलिडेशन एक व्यापक प्रवृत्ति के रूप में विकसित हो रहा है, जो अब लार्ज-कैप शेयरों तक फैला हुआ है। मध्य पूर्व की स्थिति से प्रेरित मूल्यांकन संबंधी चिंताएं और तेल की बढ़ती कीमतें निवेशकों में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति को बढ़ावा दे रही हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "अमेरिका अपने कई प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर एकतरफा टैरिफ वृद्धि पर विचार कर रहा है, जिसका निर्णय जुलाई की प्रारंभिक समयसीमा से पहले अगले एक से दो सप्ताह में होने की संभावना है।"

उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक और आर्थिक जोखिमों के बढ़ने के बीच सोने में सुरक्षित निवेश के लिए खरीदारी का नया दौर देखने को मिल रहा है।

इस बीच, बाजार में अस्थिरता बढ़ गई क्योंकि इंडिया विक्स 2.54 प्रतिशत बढ़कर 14.01 पर पहुंच गया।

Point of View

बल्कि यह वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए भी एक संकेत है। हमें इस समय सावधानी से निवेश करने की आवश्यकता है।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

सेंसेक्स में गिरावट का मुख्य कारण क्या है?
अमेरिका-ईरान के बीच बढ़ते तनाव और कमजोर वैश्विक संकेतों ने निवेशकों का मनोबल प्रभावित किया।
क्या यह गिरावट लंबे समय तक बनी रहेगी?
यह स्थिति बाजार की मौजूदा स्थिति और वैश्विक घटनाओं पर निर्भर करती है।