क्या भारत ने ग्लोबल पासपोर्ट इंडेक्स में 8 पायदान की छलांग लगाई?

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क्या भारत ने ग्लोबल पासपोर्ट इंडेक्स में 8 पायदान की छलांग लगाई?

सारांश

भारत ने हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में 8 पायदान ऊपर चढ़कर 77वें स्थान पर जगह बनाई है। यह उपलब्धि पिछले 6 महीनों में किसी भी देश की सबसे बड़ी वृद्धि है। जानें विस्तार से इस रैंकिंग के बारे में और भारत के लिए क्या संभावनाएं हैं।

Key Takeaways

  • भारत ने 77वें स्थान पर अपनी जगह बनाई।
  • 8 पायदान की वृद्धि पिछले 6 महीनों की सबसे बड़ी है।
  • 59 देशों में वीजा-मुक्त प्रवेश की सुविधा।
  • एशियाई देशों की यात्रा स्वतंत्रता में वृद्धि।
  • ग्लोबल रैंकिंग में सिंगापुर शीर्ष पर है।

नई दिल्ली, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के मध्य वर्ष अपडेट में भारत ने आठ पायदान की छलांग लगाकर 77वें स्थान पर अपनी जगह बनाई है।

भारत की यह उपलब्धि विशेष रूप से उल्लेखनीय है, क्योंकि बीते छह महीनों में यह किसी भी देश की रैंकिंग में सबसे बड़ी वृद्धि है। इस वर्ष की शुरुआत में भारत 85वें स्थान पर था।

ब्रिटेन स्थित हेनले पासपोर्ट इंडेक्स उन देशों के नागरिकों को उनके पासपोर्ट द्वारा दी जाने वाली यात्रा स्वतंत्रता के आधार पर रैंकिंग प्रदान करता है।

भारतीय नागरिकों के लिए आगमन पर वीजा की सूची में दो और देशों का समावेश होने के साथ अब भारत को 59 देशों में वीजा-मुक्त प्रवेश की सुविधा प्राप्त हो गई है।

यह रैंकिंग उन गंतव्यों की संख्या को दर्शाती है, जहां पासपोर्ट धारक बिना पूर्व वीजा के प्रवेश कर सकते हैं।

मलेशिया, इंडोनेशिया, मालदीव और थाईलैंड जैसे कई देश भारतीय पासपोर्ट धारकों को वीजा-मुक्त प्रवेश की सुविधा प्रदान करते हैं। श्रीलंका, मकाऊ, म्यांमार आदि देश आगमन पर वीजा की सुविधा देते हैं।

इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) के आंकड़ों पर आधारित यह रैंकिंग दिखाती है कि एशियाई देशों की पासपोर्ट क्षमता में तेजी से वृद्धि हो रही है, और भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और चीन जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका और ब्रिटेन जैसे पारंपरिक दिग्गजों के करीब पहुँच रही हैं।

यह प्रवृत्ति आईएटीए के आंकड़ों में भी परिलक्षित होती है, क्योंकि 2025 के पहले पांच महीनों में एशिया-प्रशांत क्षेत्र की एयरलाइनों ने 9.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वैश्विक हवाई यात्रा में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। उत्तरी अमेरिका का बाजार स्थिर बना हुआ है।

सिंगापुर ने 227 में से 193 गंतव्यों तक वीजा-मुक्त पहुंच के साथ इंडेक्स में शीर्ष स्थान बनाए रखा है। जापान और दक्षिण कोरिया 190 गंतव्यों के साथ दूसरे स्थान पर हैं।

फ्रांस, जर्मनी और इटली सहित सात यूरोपीय संघ के देश तीसरे स्थान पर हैं। वहीं, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल और स्वीडन चौथे स्थान पर हैं, जबकि न्यूजीलैंड, ग्रीस और स्विट्जरलैंड पांचवें स्थान पर हैं।

वैश्विक स्तर पर कभी पहले स्थान पर रहने वाले अमेरिका और ब्रिटेन में गिरावट जारी है। ब्रिटेन 186 गंतव्यों तक पहुंच के साथ छठे स्थान पर खिसक गया जबकि अमेरिका 182 गंतव्यों के साथ दसवें स्थान पर आ गया है।

यूएई ने 10 वर्षों में 42वें स्थान से आठवें स्थान तक की छलांग लगाई, जबकि उसने किसी अन्य देश की तुलना में अधिक वीजा-मुक्त गंतव्यों को जोड़ा है।

राजनयिक वीजा छूट की नई लहर ने चीन को एक दशक में 34 स्थान ऊपर चढ़कर 2025 में 60वें स्थान पर पहुंचा दिया है।

Point of View

भारत की यह रैंकिंग न केवल एक उपलब्धि है, बल्कि यह दर्शाती है कि हमारे पासपोर्ट की शक्ति बढ़ रही है। इससे भारतीय नागरिकों को विदेशों में यात्रा करने में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी। यह रैंकिंग हमारे देश की बढ़ती वैश्विक स्थिति को भी दर्शाती है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत की रैंकिंग में यह वृद्धि कैसे हुई?
भारत की रैंकिंग में वृद्धि का मुख्य कारण अन्य देशों की तुलना में वीजा-मुक्त गंतव्यों की संख्या में बढ़ोतरी है।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स क्या है?
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स उन देशों के नागरिकों की यात्रा स्वतंत्रता को दर्शाता है, जो उनके पासपोर्ट द्वारा प्रदान की जाती है।
भारत के लिए वीजा-मुक्त गंतव्य कौन से हैं?
भारत के लिए वीजा-मुक्त गंतव्यों में मलेशिया, थाईलैंड, मालदीव और कई अन्य देश शामिल हैं।
इस रैंकिंग का वैश्विक परिदृश्य क्या है?
इस रैंकिंग में सिंगापुर शीर्ष स्थान पर है, जबकि अमेरिका और ब्रिटेन में गिरावट जारी है।
क्या यह रैंकिंग भारत के लिए महत्वपूर्ण है?
यह रैंकिंग भारत की बढ़ती वैश्विक स्थिति और यात्रा स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्ण है।