क्या इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव से भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई?

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क्या इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव से भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई?

सारांश

इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के चलते भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई है। जानिए इस स्थिति का क्या असर हुआ और किस-किस सेक्टर में बिकवाली हुई।

Key Takeaways

  • इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव से भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आई।
  • सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी कमी आई।
  • ऑटो, आईटी और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में बिकवाली का असर।
  • विश्लेषक संभावित आर्थिक परिणामों की चेतावनी दे रहे हैं।
  • विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रही।

मुंबई, 13 जून (राष्ट्र प्रेस)। इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण शुक्रवार को भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों में भारी गिरावट देखी गई। प्रारंभिक कारोबार में ऑटो, आईटी, फाइनेंशियल सर्विस और पीएसयू बैंक क्षेत्रों में बिकवाली का सामना करना पड़ा।

सुबह लगभग 9.33 बजे, सेंसेक्स में 896.5 अंक या 1.10 प्रतिशत की कमी आई, और यह 80,795.44 पर कारोबार कर रहा था, वहीं निफ्टी 278.5 अंक या 1.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,609.70 पर था।

निफ्टी बैंक 633.80 अंक या 1.13 प्रतिशत की कमी के साथ 55,448.75 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 603.90 अंक या 1.03 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे यह 57,836.95 पर पहुंच गया। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 192.75 अंक या 1.04 प्रतिशत की कमी के बाद 18,272.30 पर था।

विश्लेषकों का मानना है कि अगर ईरान की ओर से हमले का जवाब दिया जाता है और यह स्थिति लंबे समय तक चलती है, तो इजराइल के हमले के आर्थिक परिणाम गंभीर हो सकते हैं। इजराइल ने यह भी घोषणा की है कि यह ऑपरेशन कई दिनों तक जारी रहेगा।

जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, "बाजार पर प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि यह मौजूदा संघर्ष कितने समय तक जारी रहता है। निकट भविष्य में बाजार रिस्क-ऑफ मोड में रहेगा।"

विश्लेषकों के अनुसार, मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के संकेत मिलने के कारण निफ्टी में कल एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। आज सुबह इजराइल ने ईरान पर हमले शुरू कर दिए हैं, जिससे बाजारों में व्यापक स्तर पर जोखिम से बचने की प्रवृत्ति देखी जा रही है।

एक्सिस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख अक्षय चिंचलकर ने कहा, "तकनीकी रूप से, निफ्टी पर, हम चेतावनी दे रहे थे कि बुधवार को 'बायर रिजेक्शन' कैंडल का आना, सप्ताह की शुरुआत में बियरिश 'अपसाइड गैप टू क्रो पैटर्न' के तुरंत बाद हुआ, जो सावधानी बरतने का संकेत था।"

इस बीच, सेंसेक्स पैक में टाटा मोटर्स, एलएंडटी, पावरग्रिड, कोटक महिंद्रा बैंक, एसबीआई, टाइटन और इंफोसिस प्रमुख लूजर रहे।

एशियाई बाजारों में, हांगकांग, बैंकॉक, जकार्ता, जापान, सोल और चीन लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।

अमेरिकी बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र में, डॉव जोन्स 101.85 अंक या 0.24 प्रतिशत की बढ़त के साथ 42,967.62 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 23.02 अंक या 0.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ 6,045.26 पर बंद हुआ, और नैस्डैक 46.61 अंक या 0.24 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 19,662.49 पर बंद हुआ।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने दूसरे दिन भी अपनी बिकवाली जारी रखी और 12 जून को 3,831.42 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 9,393.85 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।

Point of View

यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। इजराइल और ईरान के बीच की बढ़ती टकराव की स्थिति न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर सकती है, बल्कि वैश्विक आर्थिक स्थिति को भी नकारात्मक दिशा में ले जा सकती है। हमें सतर्क रहना चाहिए और इस स्थिति पर नजर रखनी चाहिए।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

इजराइल और ईरान के बीच तनाव का भारतीय शेयर बाजार पर क्या असर पड़ा?
इजराइल और ईरान के बीच तनाव के चलते भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है।
कौन से सेक्टर में बिकवाली हुई है?
ऑटो, आईटी, फाइनेंशियल सर्विस और पीएसयू बैंक सेक्टर में बिकवाली देखी गई।
विश्लेषकों का क्या कहना है?
विश्लेषक मानते हैं कि यदि ईरान की ओर से हमले का जवाब दिया जाता है, तो आर्थिक परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
क्या विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शेयर बेचे?
हां, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 12 जून को 3,831.42 करोड़ रुपए के शेयर बेचे।
क्या निफ्टी में गिरावट आई है?
जी हां, निफ्टी में कल एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।