क्या नूपुर श्योराण ने इंग्लैंड से मेडल जीतकर भिवानी का नाम रोशन किया?

सारांश
Key Takeaways
- भिवानी की नूपुर श्योराण ने इंग्लैंड में सिल्वर मेडल जीता।
- वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत ने चार मेडल जीते।
- नूपुर के दादा कैप्टन हवा सिंह बॉक्सिंग के जनक माने जाते हैं।
- हरियाणा की बेटियों ने खेल में भारी योगदान दिया है।
- नूपुर अपने सुधार के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं।
भिवानी, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के मिनी क्यूबा, यानी भिवानी में वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का परचम लहराने वालीं बॉक्सिंग की बेटियों का स्वागत जारी है। गोल्ड मेडलिस्ट जैस्मिन के बाद सिल्वर मेडलिस्ट नूपुर श्योराण के घर लौटने पर उनका शानदार स्वागत हुआ।
भारत ने 4-14 सितंबर के बीच इंग्लैंड के लिवरपूल में आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में चार मेडल जीते। ये चारों मेडल हरियाणा की बेटियों ने जीते, जिनमें तीन बेटियां भिवानी से हैं। भिवानी की जैस्मिन ने गोल्ड मेडल, नूपुर ने सिल्वर मेडल, जबकि पूजा ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। एकेडमी वापस लौटने पर सिल्वर मेडलिस्ट नूपुर का स्वागत किया गया।
बॉक्सर नूपुर देश में बॉक्सिंग के जनक कहे जाने वाले स्वर्गीय कैप्टन हवा सिंह की पोती हैं। वहीं, उनके पिता और कोच संजय शयोराण भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के बॉक्सर हैं। नूपुर अन्य मुक्केबाजों के साथ अपने पिता से ट्रेनिंग लेती हैं।
नूपुर श्योराण भारत के लिए मेडल जीतने पर बहुत खुश हैं। उन्होंने 87 किलोग्राम भार वर्ग में सिल्वर जीता है। हालांकि, उन्हें गोल्ड मेडल गंवाने का बहुत मलाल है, लेकिन वह आगे सुधार जरूर करेंगी।
नूपुर मानती हैं कि खेल किसी के बाप-दादा का नहीं, बल्कि मेहनत का होता है। हालांकि, वह मानती हैं कि दादा और पिता के बॉक्सर होने के कारण उन्हें बचपन से बॉक्सिंग को लेकर एक शानदार माहौल मिला है। नूपुर अब नवंबर में होने वाले वर्ल्ड कप की तैयारी करेंगी।
नूपुर के पिता संजय श्योराण के मुताबिक, हरियाणा की बेटियों को मिले सभी मेडल खिलाड़ियों और कोच की मेहनत का नतीजा है। उन्होंने कहा, "मेरे स्वर्गीय पिता कैप्टन हवा सिंह ने बॉक्सिंग का बरगद खड़ा किया था, जो 100 साल तक रहेगा। आज हम इसके फल खा रहे हैं। हम भारतीय बॉक्सिंग फेडरेशन के साथ मिलकर अच्छा काम करेंगे। हमारे पास बहुत टैलेंटेड खिलाड़ी हैं।"
नूपुर श्योराण ने ठान लिया है कि वह कमियों को दूर करेंगी और आगामी बाउट में जी जान लगाएंगी, ताकि अगली बार देश के लिए गोल्ड जीत सकें।