क्या ओडिशा की रस्मिता साहू ने खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल में स्वर्ण पदक जीता?

सारांश
Key Takeaways
- रस्मिता साहू ने स्वर्ण पदक जीतकर ओडिशा का नाम रोशन किया।
- उनका संघर्ष प्रेरणादायक है, जो कठिनाइयों के बावजूद सफलता पाने की कहानी बताता है।
- उन्होंने अपने कोच लैशराम जोहानसन सिंह का योगदान स्वीकार किया है।
- वह अब 2026 एशियाई खेलों की तैयारी कर रही हैं।
- रस्मिता का सपना है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करें।
श्रीनगर, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा की रस्मिता साहू ने श्रीनगर में चल रहे खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल 2025 में महिलाओं की 200 मीटर कैनो सिंगल्स में स्वर्ण पदक जीता है। उन्होंने 53.53 सेकंड का समय निकालते हुए डल झील में केरल और मध्य प्रदेश के एथलीटों को पीछे छोड़ते हुए शीर्ष स्थान प्राप्त किया।
रस्मिता साहू की यह सफलता सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि भारत के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। भविष्य में, वह वाटर स्पोर्ट्स के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध चेहरा बन सकती हैं।
उनकी यह उपलब्धि वर्षों के मेहनत और संघर्ष का फल है। 23 सालकटक के चौद्वार के एक मछुआरा समुदाय से आती हैं। जब वह 9 साल2015
हालांकि, मछुआरे परिवार में जन्म लेने के बाद भी रस्मिता ने तैराकी को गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन एक दोस्त की सलाह पर उन्होंने जल क्रीड़ा के क्षेत्र में अपने कदम बढ़ाए। दोस्त ने उन्हें भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र में दाखिला लेने का सुझाव दिया, जिससे उन्हें वजीफा मिल सकता था। इस सलाह ने उनकी जिंदगी बदल दी।
रस्मिता कहती हैं, "हमें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा था, इसलिए मैंने बिना सोचे-समझे फैसला लिया। मैंने कैनोइंग में एक ट्रायल दिया और मेरा चयन हो गया।"
एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने के बाद, रस्मिता ओडिशा पुलिस में 2024
उत्तराखंड में आयोजित पिछले राष्ट्रीय खेलों में, उन्होंने कैनोइंग महिला युगल में रजत और एकल महिला स्पर्धाओं में कांस्यकैनोइंग महिला एकल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था।
अपने संघर्षों को याद करते हुए रस्मिता कहती हैं, "हम एक झोपड़ी में रहते थे और मेरे पिता मछुआरे के रूप में ज्यादा कमाई नहीं कर पाते थे, लेकिन वाटर स्पोर्ट्स ने मेरे करियर को पूरी तरह बदल दिया। अब हम आराम से रह रहे हैं और मैं अपने परिवार के लिए एक घर बनवा रही हूं।"
रस्मिता ने अपनी सफलता का श्रेय अपने कोच लैशराम जोहानसन सिंह को दिया है। उन्होंने कहा, "जब मैंने राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में भाग लेना शुरू किया, तो मेरे पास यात्रा और डाइट के पैसे नहीं थे। मेरे कोच मुझे पैसे देते थे ताकि मैं यात्रा कर सकूं और बेहतर प्रदर्शन कर सकूं।"
राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा, "वह अब 2026 एशियाई खेलों की तैयारी कर रही हैं, जो 19 सितंबर, 2026 से 4 अक्टूबर, 2026 तक जापान में आयोजित होंगे।"
रस्मिता ने कहा, "मैं एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहती हूं और इस सपने को पूरा करने की पूरी कोशिश करूंगी। हाल ही में, हमने मगरमच्छों से भरे एक जलाशय में अभ्यास किया। मैंने भी उसी जलाशय में अभ्यास किया, जहां हीराकुंड बांध के निकास के कारण पानी का प्रवाह तेज था।"
खेलो इंडिया स्पोर्ट्स के लिए कश्मीर आकर रस्मिता खुश हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कश्मीरी मौसम और व्यंजनों का आनंद लिया।
रस्मिता के कोच ने कहा, "मैं 2020 से उसे जूनियर से लेकर सीनियर स्तर तक लगातार प्रशिक्षित कर रहा हूं। उसने 2018 के स्पेशल एरिया गेम्स में अपनी पहली छाप छोड़ी थी। तब से, उसने एक लंबा सफर तय किया है और मुझे उम्मीद है कि वह 2026 एशियाई खेलों में पदक जीतेगी।"