क्या 2025 में विश्व नेताओं के बयानों ने राजनीति की दिशा बदल दी?
सारांश
Key Takeaways
- 2025 में कई नेताओं के बयान वैश्विक राजनीति को प्रभावित कर रहे हैं।
- भारत-रूस संबंधों में नई गहराई आई है।
- चीन के साथ जापान के तनाव में वृद्धि हुई है।
- ट्रंप के बयान ने अमेरिकी समाज में विवाद को जन्म दिया।
- इजराइल और फिलीस्तीन के बीच स्थिति में और तनाव बढ़ा।
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2025 वैश्विक राजनीति में शब्दों का महत्वपूर्ण वर्ष रहा है। चुनाव, पदभार और गठबंधन के अलावा कुछ बयानों ने राजनीति की दिशा और दशा को पूरी तरह से बदल दिया। इन बयानों ने देशों की नीतियों, अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों और क्षेत्रीय संतुलन को नया आकार दिया। ताकाइची से लेकर ट्रंप, पुतिन और नेतन्याहू तक, ये पांच बयानों ने दुनिया भर में चर्चा और विवाद का केंद्र बन गए।
हाल ही में व्लादिमीर पुतिन ने भारत दौरे (4-5 दिसंबर) पर आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आतंकवाद पर साझा बयान दिया, जिसमें "आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा" की गई। पीएम मोदी ने कहा, "भारत न्यूट्रल नहीं है। भारत का पक्ष शांति का है। हम शांति के हर प्रयास का समर्थन करते हैं।"
7 नवंबर को, जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री सानए ताकाइची ने संसद में एक बयान देकर चीन को नाराज कर दिया। उन्होंने कहा कि यदि उनके देश के अस्तित्व पर खतरा हुआ तो वे सैन्य कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचाएंगी। यह बयान चीन के वियतनाम में बढ़ते दखल को देखते हुए आया।
इस पर बीजिंग ने आक्रामक रवैया अपनाते हुए ताकाइची से बयान वापस लेने की मांग की। इस बीच, चीनी सागर में सैन्य अभ्यास के दौरान दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया। जापान ने चीन पर अपने फाइटर जेट्स को रडार लॉक करने का आरोप भी लगाया।
नवंबर में ही, डोनाल्ड ट्रंप ने एक विवादित बयान देकर फिर से सुर्खियाँ बटोरीं। उन्होंने कहा कि "इंडियन" शब्द का इस्तेमाल यूएस में अब नहीं किया जाएगा। कई नेटिव समूहों ने इसे नस्लीय और अपमानजनक बताया।
अक्टूबर में, पुतिन ने नोबेल शांति पुरस्कारों पर एक विवादास्पद टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा कि "कभी-कभी कुछ लोगों को पुरस्कार मिल जाता है, बिना कुछ किए।"
सितंबर 2025 में, गाजा शांति योजना पर चर्चा चल रही थी, तभी इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि "फिलीस्तीन को मान्यता नहीं दी जाएगी।"
फरवरी 2025 में, इटली की पीएम जियॉर्जिया मेलोनी ने दक्षिणपंथ के बारे में कहा कि "वामपंथ दोहरे मापदंड" के साथ आगे बढ़ता है।