क्या महाराष्ट्र के पंढरपुर तीर्थयात्रा पर अबू आजमी का बयान सही है?

सारांश
Key Takeaways
- अबू आजमी का बयान विवाद का कारण बना है।
- उन्होंने अपने बयान को वापस लेने से मना कर दिया।
- पंढरपुर यात्रा पर उनकी टिप्पणी को लेकर तीखी आलोचना की गई।
मुंबई, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आजमी अपने एक बयान को लेकर अडिग बने हुए हैं। उन्होंने पंढरपुर यात्रा के संदर्भ में एक विवादास्पद टिप्पणी की थी। उनकी इस टिप्पणी की तीखी आलोचना के बावजूद उन्होंने अपने बयान को वापस लेने से इनकार कर दिया है।
अबू आजमी ने सोमवार को कहा, "मैं किसी भी धर्म के खिलाफ गलत बयान नहीं दे सकता। यदि मेरी बात को तोड़ा-मरोड़ा गया है तो इसमें मेरी कोई गलती नहीं है।"
सपा विधायक ने आगे कहा, "मैं सोलापुर जा रहा था। लोगों ने मुझसे कहा कि जल्दी निकलो, नहीं तो ट्रैफिक जाम हो जाएगा। मुझे नहीं पता कि ट्रैफिक जाम क्यों होगा? मैंने कहा कि जुमे की नमाज हफ्ते में एक बार होती है। जब मस्जिद भर जाती है तो लोग बाहर आकर नमाज पढ़ते हैं। उस समय कुछ लोग आपत्ति व्यक्त करते हैं।" उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लेते हुए उन्होंने कहा, "लोग कहते हैं कि अगर किसी ने बाहर नमाज पढ़ी तो उसका पासपोर्ट रद्द हो जाएगा।"
उन्होंने कहा, "हिंदुओं के त्योहारों के दौरान, विशेषकर गणेश पूजा और नवरात्रि में, यदि हमारे हिंदू भाई धूप में परेशान होते हैं तो हम उन्हें शरबत पिलाना चाहते हैं। हम नफरत नहीं बढ़ाना चाहते हैं। मैं केवल यह कह रहा हूं कि यदि कुछ लोग मस्जिद में जगह न होने के कारण 10 से 15 मिनट के लिए सड़क पर नमाज अदा करते हैं, तो उसमें क्या गलत है?"
इससे पहले, अबू आजमी ने रविवार को पंढरपुर यात्रा पर कहा था कि इससे वारी की सड़क पर जाम लग जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुओं के त्योहारों पर मुसलमान कभी विरोध नहीं करते, लेकिन जब मुसलमान नमाज अदा करते हैं तो शिकायतें की जाती हैं।