क्या पहचान छुपाकर और झूठ बोलकर व्यापार करना धोखा है? - आचार्य प्रमोद कृष्णम

सारांश
Key Takeaways
- व्यापार में ईमानदारी
- धोखा देने वाले
- धर्म का मूल
- कांवड़ यात्रा श्रद्धा
- राजनीतिक दलों को श्रद्धालुओं
बुलंदशहर, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर ढाबा और रेस्टोरेंट संचालकों की पहचान उजागर करने का मामला बढ़ता जा रहा है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाया।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि पहचान छिपाकर और झूठ बोलकर व्यापार करना धोखा है। श्रद्धालुओं के लिए कांवड़ यात्रा एक श्रद्धा का प्रतीक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रद्धालुओं की श्रद्धा का सम्मान कर रहे हैं। पिछले 50 वर्षों में उत्तर प्रदेश में कांवड़ियों को इतना मान कभी नहीं मिला जितना कि योगी सरकार ने दिया है।
उन्होंने कहा कि पहचान छिपाकर दुकान चलाना कानूनी अपराध है। जब से इंसान का जन्म होता है, तब से लेकर मृत्यु तक उसकी एक पहचान होती है। कोई भी धर्म झूठ बोलने की अनुमति नहीं देता है। सभी धर्मों का मूल संदेश है कि सत्य बोलो। सत्य की नींव पर धर्म की इमारत खड़ी होती है। झूठ की नींव पर बनी इमारत स्थायी नहीं हो सकती। इसलिए, जो लोग अपनी पहचान छिपाकर कांवड़ियों को धोखा देना चाहते हैं, उनसे मैं निवेदन करता हूँ कि वे अपनी पहचान के साथ व्यापार करें; जो खरीदना चाहेगा, वह खरीदेगा और जो नहीं, वह नहीं।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने समाजवादी पार्टी पर और भी तीखा हमला करते हुए कहा कि अखिलेश यादव को अपनी पत्नी डिंपल यादव के साथ मिलकर कांवड़ियों की सेवा करनी चाहिए। अगर आज उनकी सरकार होती, तो कांवड़ियों पर लाठीचार्ज हो रहा होता। उनकी सरकार में कल्कि धाम के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
सावन के पहले दिन, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने यूपी के बुलंदशहर में आयोजित गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम में भाग लिया, जहां उन्होंने भजन गाकर लोगों को नाचने और झूमने के लिए प्रेरित किया।