क्या अदाणी समूह ने अभिसार शर्मा और राजू पारुलेकर के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया?

सारांश
Key Takeaways
- अदाणी समूह ने मानहानि का मामला दर्ज किया है।
- अभिसार शर्मा और राजू पारुलेकर पर गंभीर आरोप हैं।
- गुजरात की अदालत ने पेश होने का निर्देश दिया है।
- मामला अदालत में स्वीकार होने पर सुनवाई शुरू हो सकती है।
- अदाणी का कहना है कि आरोप निराधार हैं।
अहमदाबाद, १६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अदाणी समूह ने यूट्यूब क्रिएटर अभिसार शर्मा और ब्लॉगर राजू पारुलेकर के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज किया है। इन आरोपों में कहा गया है कि दोनों ने जानबूझकर समूह की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए झूठे और अपमानजनक तथ्य फैलाए हैं।
गुजरात की एक अदालत ने दोनों आरोपियों को नोटिस जारी कर 20 सितंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। यदि मामला अदालत में स्वीकार कर लिया जाता है, तो सुनवाई शुरू हो सकती है, जिसमें दोनों को दो साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों सजा मिल सकती है।
गांधीनगर (पीएस अदालत) के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर मामलों में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), २०२३ की धारा 356(1), 356(2) और 356(3) का उल्लेख किया गया है - जो आईपीसी की धारा 499, 500 और 501 के समान है।
ये शिकायतें अभिसार शर्मा द्वारा 18 अगस्त, 2025 को अपलोड किए गए एक यूट्यूब वीडियो के खिलाफ हैं, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि असम में हजारों बीघा जमीन अदाणी को आवंटित की गई थी और इसे राजनीतिक लाभ के लिए जोड़ा गया था। इसके साथ ही, जनवरी 2025 से लगातार राजू पारुलेकर द्वारा किए गए ट्वीट्स और रीट्वीट्स में अदाणी पर भूमि हड़पने, घोटाले और अनुचित लाभ के आरोप लगाए गए थे।
अदाणी का कहना है कि ये सभी आरोप निराधार और भ्रामक हैं, क्योंकि गुवाहाटी उच्च न्यायालय के 12 अगस्त, 2025 के आदेश में अदाणी समूह का कोई उल्लेख नहीं है।
कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि उच्च न्यायालय के मामले में शामिल महाबल सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड का अदाणी से कोई संबंध नहीं है।
इस मामले में अदालत के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्यों में अभिसार शर्मा का वीडियो और ट्रांसक्रिप्ट, राजू पारुलेकर के सोशल मीडिया पोस्ट, गुवाहाटी उच्च न्यायालय का आदेश और अन्य सहायक रिकॉर्ड शामिल हैं।