क्या अफगानिस्तान में भूकंप से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए भारत तत्पर है?

सारांश
Key Takeaways
- अफगानिस्तान में भूकंप से 812 से ज्यादा लोगों की जान गई।
- भारत ने सहायता के लिए तत्पर रहने का आश्वासन दिया है।
- भूकंप की तीव्रता 6.0 थी, जो कि गंभीर है।
- राहत और बचाव कार्य जारी हैं।
- अफगानिस्तान भूकंपों के लिए संवेदनशील क्षेत्र है।
नई दिल्ली, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अफगानिस्तान में आए विनाशकारी भूकंप पर गहरा दुख व्यक्त किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत अफगानिस्तान के प्रभावित लोगों की हरसंभव सहायता और राहत प्रदान करने के लिए तत्पर है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''अफगानिस्तान में आए भूकंप में हुई जान-माल की हानि से गहरा दुख हुआ है। इस कठिन घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। भारत प्रभावित लोगों को हरसंभव मानवीय सहायता और राहत प्रदान करने के लिए तत्पर है।''
इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में आए विनाशकारी भूकंप पर गहरी चिंता व्यक्त की, जिसमें अब तक 812 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
उन्होंने कहा, "भारत इस मुश्किल घड़ी में सहायता प्रदान करेगा। पीड़ितों के परिवारों के प्रति हमारी संवेदनाएं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की हमारी प्रार्थनाएं।"
इस बीच, बचाव दल सीमित संचार के साथ दूरदराज के इलाकों में जाकर नुकसान की पूरी सीमा का आकलन कर रहे हैं और सहायता प्रदान कर रहे हैं। आधिकारिक मीडिया के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या प्रारंभिक है क्योंकि राहत और बचाव प्रयास जारी हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, रविवार रात 11.476.0
अफगानिस्तान भूकंपों के लिए विशेष रूप से संवेदनशील है क्योंकि यह कई फॉल्ट लाइनों के ऊपर स्थित है, जहां भारतीय और यूरेशियन प्लेटें मिलती हैं। पूर्वी अफगानिस्तान का पहाड़ी इलाका भूस्खलन के लिए भी संवेदनशील है, जिससे आपातकालीन सेवाओं के लिए बचाव कार्य करना मुश्किल हो जाता है।