क्या भारत-ईयू एफटीए पर 14वां दौर 6 से 10 अक्टूबर तक ब्रसेल्स में होगा?

सारांश
Key Takeaways
- भारत और ईयू के बीच 14वें दौर की वार्ता 6 से 10 अक्टूबर को ब्रसेल्स में होगी।
- वार्ता का मुख्य ध्यान ऑटो सेक्टर पर है।
- पीयूष गोयल ने सकारात्मक परिणाम की उम्मीद जताई है।
- ईयू की प्रमुख मांगों में शुल्क रियायतें शामिल हैं।
- यह साझेदारी भारत में नए रोजगार सृजित कर सकती है।
नई दिल्ली, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर 14वें दौर की वार्ता 6 से 10 अक्टूबर तक ब्रसेल्स में आयोजित की जाएगी। वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, दोनों पक्ष इस समझौते को संतुलित और परस्पर लाभकारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भले ही हर मुद्दे पर पूर्ण सहमति न बन पाए, लेकिन उन्हें विश्वास है कि अंतिम परिणाम एक बेहद अच्छा समझौता होगा। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के वार्ताकार मौजूदा समय में तीव्र चर्चा कर रहे हैं ताकि बचे हुए मतभेद दूर किए जा सकें।
इससे पहले 8 से 12 सितंबर तक भारत में 13वां दौर हुआ था। उस दौरान ईयू के उपाध्यक्ष मारोस सेफकोविक और कृषि आयुक्त क्रिस्टोफ हेन्सन ने गोयल से मुलाकात कर वार्ता की प्रगति की समीक्षा की थी।
ईयू की मुख्य मांगों में ऑटो सेक्टर पर शुल्क रियायतें शामिल हैं। वर्तमान में भारत वाहनों पर 100 प्रतिशत से अधिक आयात शुल्क लगाता है। हाल ही में भारत ने ब्रिटेन के साथ हुए व्यापार समझौते में ऑटो कंपनियों को इसी तरह की रियायतें दी थीं। ईयू भी अपने उद्योगों के लिए ऐसी ही व्यवस्था चाहता है।
फॉक्सवैगन और मर्सिडीज-बेंज जैसी कई यूरोपीय ऑटो कंपनियां पहले से ही भारत में विनिर्माण संयंत्र चला रही हैं।
ईयू का मानना है कि यह साझेदारी केवल व्यापार तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उच्च मूल्य वाले निवेश का भी मार्ग प्रशस्त करेगी, जिससे भारत में हजारों नए रोजगार सृजित होंगे। ब्रसेल्स में होने वाले अगले दौर के साथ, दोनों पक्ष मतभेद कम करने और बहुप्रतीक्षित एफटीए को अंतिम रूप देने की दिशा में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।