क्या वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था सस्टेनेबल और समावेशी विकास की ओर बढ़ रही है? : नितिन परांजपे

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क्या वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था सस्टेनेबल और समावेशी विकास की ओर बढ़ रही है? : नितिन परांजपे

सारांश

भारतीय अर्थव्यवस्था सस्टेनेबल और समावेशी विकास की ओर अग्रसर है, भले ही वैश्विक अनिश्चितताएं बढ़ रही हों। नितिन परांजपे के अनुसार, भारत आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहा है और डिजिटल क्रांति में भी अपनी पहचान बना रहा है। जानिए कैसे!

Key Takeaways

  • भारतीय अर्थव्यवस्था सस्टेनेबल और समावेशी विकास की दिशा में अग्रसर है।
  • आर्थिक वृद्धि की दर लगभग 6.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
  • भारत की जीडीपी 2015 से 2025 के बीच 2.1 ट्रिलियन डॉलर से 4.3 ट्रिलियन डॉलर हो गई है।
  • डिजिटल स्पेस में भारत की प्रगति चौथी औद्योगिक क्रांति में सहायक हो रही है।
  • भारतीय उपभोक्ता समग्र स्वास्थ्य की खोज कर रहे हैं।

नई दिल्ली, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) के चेयरमैन नितिन परांजपे ने कहा है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था सस्टेनेबल और समावेशी विकास की दिशा में तेजी से बढ़ रही है।

परांजपे ने कहा कि जबकि दुनिया भ्रम और अस्थिरता का सामना कर रही है, भारत आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कंपनी की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में कहा, "हम बदलते और महत्वाकांक्षी भारत की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए क्षमताओं का निर्माण कर रहे हैं। साथ ही, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि यह वृद्धि पर्यावरण के अनुकूल हो।"

वर्तमान में, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

आईएमएफ के अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में देश की वृद्धि लगभग 6.3 प्रतिशत होने की उम्मीद है। भारत की जीडीपी पिछले 10 वर्षों में दोगुनी से अधिक हो चुकी है।

यह 2015 में 2.1 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2025 में 4.3 ट्रिलियन डॉलर से अधिक होने की संभावना है।

भारत जल्द ही जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।

परांजपे ने डिजिटल स्पेस में भारत की प्रगति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि खराब भौतिक बुनियादी ढांचे के कारण देश पहले तीन औद्योगिक क्रांतियों से चूक गया था, लेकिन अब चौथी औद्योगिक क्रांति के दौरान यह आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने इसका श्रेय भारत के मजबूत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को दिया।

उन्होंने कहा, "2030 तक हमारी 69 प्रतिशत आबादी कामकाजी उम्र की होगी। 29 वर्ष से कम की औसत आयु और सबसे कम निर्भरता अनुपात के साथ, भारत ह्यूमन-टैलेंट का सबसे बड़ा सप्लायर बना रहेगा।"

उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव पर चर्चा करते हुए, परांजपे ने कहा कि भारतीय उपभोक्ता अब समग्र स्वास्थ्य की तलाश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उपभोक्ता नए उत्पादों, बेहतर अनुभवों की तलाश कर रहे हैं और उनकी आकांक्षा बढ़ रही है।

उन्होंने शेयरधारकों से कहा, "एक ऐसी कंपनी के रूप में जो इन उभरती जरूरतों को पूरा करती है और देश की विकास यात्रा में भागीदार है, हम एक बड़ी जिम्मेदारी निभाते हैं।"

परांजपे ने डिजिटल मार्केटिंग पर एचयूएल के बढ़ते फोकस और ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के बारे में भी चर्चा की।

Point of View

मैं यह कह सकता हूं कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हुए भी आगे बढ़ रही है। नितिन परांजपे की बातें यह दर्शाती हैं कि भारत अपने संसाधनों और क्षमताओं का सही उपयोग कर रहा है और भविष्य के लिए उत्साहित है। यह देश की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण मोड़ है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के चेयरमैन कौन हैं?
हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के चेयरमैन नितिन परांजपे हैं।
भारत की जीडीपी कब दोगुनी हुई?
भारत की जीडीपी पिछले 10 वर्षों में दोगुनी से अधिक हो गई है।
भारत कब जापान को पीछे छोड़ सकता है?
भारत जल्द ही जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
भारत में कामकाजी उम्र की आबादी का प्रतिशत क्या है?
2030 तक भारत में 69 प्रतिशत आबादी कामकाजी उम्र की होगी।
भारत डिजिटल स्पेस में क्यों आगे बढ़ रहा है?
भारत का मजबूत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर इसे चौथी औद्योगिक क्रांति में आगे बढ़ने में मदद कर रहा है।