बिहार चुनाव: किसके सिर होगा ताज, एनडीए या महागठबंधन का राज? कुछ घंटों में खत्म होगा इंतजार
सारांश
Key Takeaways
- राजनीतिक पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम।
- मतदाता का विश्वास और सक्रिय भागीदारी दर्शाता है।
- शांतिपूर्ण चुनावी प्रक्रिया ने लोकतंत्र को मजबूत किया है।
पटना, १३ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने बिहार विधानसभा चुनाव के सफलतापूर्वक संपन्न होने की घोषणा की है। इस चुनाव में रिकॉर्ड ६७.१३ फीसद मतदान हुआ, जो १९५१ के बाद से अब तक का सबसे अधिक प्रतिशत है।
आयोग ने शुक्रवार सुबह ८ बजे से शुरू होने वाली मतगणना की पूरी व्यवस्था कर ली है। यह चुनाव न केवल शांतिपूर्ण रहा, बल्कि इसमें शून्य पुनर्मतदान के अनुरोध और विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के दौरान शून्य अपील दर्ज की गई, जो लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है।
चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार में कुल ७,४५,२६,८५८ मतदाता सूचीबद्ध हैं। २,६१६ उम्मीदवारों और १२ मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की ओर से कहीं भी पुनर्मतदान का कोई अनुरोध नहीं किया गया। इसी तरह, एसआईआर प्रक्रिया के दौरान ३८ जिलों में दलों की ओर से शून्य अपील प्राप्त हुईं। इससे चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता का प्रमाण मिलता है।
आयोग ने कहा कि यह उपलब्धि मतदाताओं के विश्वास और प्रशासनिक कुशलता का परिणाम है।
राज्य के सभी २४३ विधानसभा क्षेत्रों में मतगणना की पुख्ता तैयारी की गई है। प्रत्येक क्षेत्र में एक रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) के नेतृत्व में मतगणना होगी, जिसमें २४३ मतगणना पर्यवेक्षक, उम्मीदवारों या उनके एजेंटों की मौजूदगी सुनिश्चित होगी। कुल ४,३७२ मतगणना टेबल लगाए गए हैं, जहां एक पर्यवेक्षक, मतगणना सहायक और माइक्रो-ऑब्जर्वर तैनात रहेंगे। उम्मीदवारों ने १८,००० से अधिक मतगणना एजेंट नियुक्त किए हैं, जो प्रक्रिया पर नजर रखेंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक, मतगणना शुक्रवार को सुबह ८ बजे शुरू होगी। पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जाएगी, जो ईवीएम गिनती के अंतिम दौर से पहले पूरी होनी चाहिए। डाक मतपत्रों की गिनती आरओ या सहायक आरओ की देखरेख में उम्मीदवारों या उनके एजेंटों के समक्ष होगी। इसके बाद सुबह ८:३०
ईवीएम प्रक्रिया में नियंत्रण इकाइयों को राउंडवार टेबलों पर लाया जाएगा। एजेंटों को सील की अखंडता और सीरियल नंबर दिखाए जाएंगे, जो फॉर्म १७सी (भाग १) से मेल खाने चाहिए। वोटों की संख्या फॉर्म १७सी से क्रॉस-चेक की जाएगी। यदि कोई असंगति मिले, तो संबंधित मतदान केंद्र से वीवीपीएटी पर्चियों की अनिवार्य गिनती होगी।
ईवीएम गिनती के बाद, प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से पांच मतदान केंद्रों का चयन कर वीवीपीएटी सत्यापन किया जाएगा। राउंडवार और क्षेत्रवार परिणाम संबंधित आरओ द्वारा संकलित होकर आधिकारिक ईसीआई परिणाम पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे।
आयोग ने सभी पक्षों को सलाह दी है कि सटीक अपडेट के लिए केवल चुनाव आयोग पोर्टल का ही सहारा लें। अफवाहों, अनौपचारिक स्रोतों या सुनी-सुनाई बातों पर भरोसा न करें। टीवी चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी इसी निर्देश का पालन करने को कहा गया है।