क्या बिहार के 7.23 करोड़ मतदाताओं ने एसआईआर प्रक्रिया में भरोसा जताया?

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क्या बिहार के 7.23 करोड़ मतदाताओं ने एसआईआर प्रक्रिया में भरोसा जताया?

सारांश

बिहार में 7.23 करोड़ मतदाताओं ने एसआईआर प्रक्रिया में भाग लेकर अपनी सक्रिय भागीदारी दिखाई। यह आंकड़ा दर्शाता है कि लोग निर्वाचन प्रक्रिया पर विश्वास कर रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि एसआईआर के तहत कितने मतदाता पहले ही कवर हो चुके हैं?

Key Takeaways

  • ७.२३ करोड़ मतदाता एसआईआर प्रक्रिया में शामिल हुए हैं।
  • बिहार के ९९.८६% मतदाता कवर किए गए हैं।
  • फॉर्म न भरने वालों की सूची सभी १२ राजनीतिक दलों को साझा की गई है।
  • बिहार में २२ लाख मृतक मतदाता मिले हैं।
  • १ अगस्त से १ सितंबर तक दावे और आपत्तियाँ दर्ज की जा सकती हैं।

पटना, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में राज्य के ७.२३ करोड़ मतदाताओं ने भाग लिया और एसआईआर पर विश्वास प्रकट किया। अब तक बिहार के ९९.८६ प्रतिशत मतदाता एसआईआर के तहत कवर किए जा चुके हैं।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट के अनुसार, एसआईआर में ७.२३ करोड़ मतदाताओं के फॉर्म प्राप्त और डिजिटाइज्ड हो चुके हैं। इन सभी मतदाताओं के नाम प्रारूप मतदाता सूची में शामिल किए जाएंगे। शेष मतदाताओं के फॉर्म भी बीएलओ की रिपोर्ट के साथ डिजिटाइज्ड होने का कार्य १ अगस्त तक पूरा होगा।

फॉर्म न भरने वाले, मृतकों और स्थायी रूप से प्रवास कर चुके लोगों की सूची सभी १२ राजनीतिक दलों को २० जुलाई को साझा की गई है, ताकि किसी भी त्रुटि को १ अगस्त को प्रकाशित होने वाली प्रारूप मतदाता सूची में सुधारा जा सके। इनमें बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट), इंडियन नेशनल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट-लेनिनिस्ट) (लिबरेशन), राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी, लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास), नेशनल पीपुल्स पार्टी और आम आदमी पार्टी शामिल हैं।

एसआईआर में २४ जून से अब तक लगभग २२ लाख मृतक पाए गए हैं। लगभग ७ लाख मतदाताओं के वोट एक से अधिक स्थानों पर मिले हैं। लगभग ३५ लाख मतदाता या तो स्थायी रूप से प्रवास कर चुके हैं या उनका कोई पता नहीं चल पा रहा है। लगभग १.२ लाख मतदाताओं के गणना फॉर्म अभी वापस नहीं मिले हैं।

बिहार एसआईआर के पहले चरण को सफल बनाने का श्रेय बीएलओ, वॉलंटियर्स, सभी १२ राजनीतिक दलों, उनके ३८ जिलों के प्रेसिडेंट्स, और उनके द्वारा नामित १.६० लाख बीएलए को जाता है।

एसआईआर ऑर्डर के अनुसार, १ अगस्त से १ सितंबर तक कोई भी निर्वाचक या राजनीतिक दल, किसी योग्य मतदाता का नाम छूटने पर या अयोग्य मतदाता का नाम शामिल होने पर ईआरओ को फॉर्म भरकर दावे और आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं।

Point of View

तो यह दर्शाता है कि लोकतंत्र में उनकी भागीदारी और जिम्मेदारी को लेकर उनकी सोच सकारात्मक है। यह प्रक्रिया चुनावी पारदर्शिता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देने में सहायक होगी।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर क्या है?
एसआईआर का मतलब विशेष गहन पुनरीक्षण है, जो मतदाता सूची के संवीक्षा के लिए किया जाता है।
बिहार में मतदाता की संख्या कितनी है?
बिहार में कुल 7.23 करोड़ मतदाता हैं।
एसआईआर प्रक्रिया में भाग लेने का क्या महत्व है?
इस प्रक्रिया में भाग लेना लोकतंत्र में मतदाता की भागीदारी को दर्शाता है और चुनावी पारदर्शिता को बढ़ावा देता है।
मतदाता सूची में त्रुटियों को कैसे ठीक किया जा सकता है?
मतदाता सूची में त्रुटियों को दावे और आपत्ति के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।
बिहार के कौन से राजनीतिक दल एसआईआर में शामिल हैं?
बिहार के 12 प्रमुख राजनीतिक दल इस प्रक्रिया में शामिल हैं, जैसे भाजपा, कांग्रेस, और राजद।