क्या सीबीआई ने राजस्थान के बर्खास्त कांस्टेबल के खिलाफ भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने बर्खास्त कांस्टेबल के खिलाफ मामला दर्ज किया।
- भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं।
- मोहम्मद जाकिर हुसैन पर गंभीर आरोप हैं।
- मामले में अज्ञात एसएससी अधिकारियों की संलिप्तता का संदेह है।
- भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) के एक बर्खास्त कांस्टेबल के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है, जो पहले राजस्थान के कोटा में तैनात था। एक अधिकारी के अनुसार, यह मामला चार साल पहले हुई धोखाधड़ी और पहचान की जालसाजी के माध्यम से सरकारी नौकरी प्राप्त करने के आरोप में दर्ज किया गया है।
हवलदार मोहम्मद जाकिर हुसैन, जिन्हें अब बर्खास्त किया गया है, पर आपराधिक षड्यंत्र, छद्मवेश, जालसाजी, धोखाधड़ी और लोक सेवक द्वारा कर्तव्य के बेईमानी से अनुचित लाभ प्राप्त करने के आरोप लगाए गए हैं।
पटना निवासी हुसैन तब जांच के दायरे में आए जब अधिकारियों को शिकायत मिली कि भर्ती परीक्षा के कई चरणों में उनके अंगूठे के निशान बदल गए थे। 2021 में कथित धोखाधड़ी वाली भर्ती प्रक्रिया में अज्ञात एसएससी अधिकारियों और परीक्षा संचालन प्राधिकारी की आपराधिक संलिप्तता का भी संदेह है।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सीबीआईदिनेश बौद्ध ने 4 सितंबर को हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सीबीआई को एक लिखित शिकायत दी।
सीबीआई की प्राथमिकी में उल्लेख है, "आरोप है कि मोहम्मद जाकिर हुसैन के अंगूठे के निशान परीक्षा के विभिन्न चरणों के दौरान परीक्षार्थी के अंगूठे के निशानों से भिन्न थे।"
पुलिस उप महानिरीक्षक (भ्रष्टाचार निरोधक शाखा जयपुर) मनीषा चौधरी द्वारा अनुमोदित प्राथमिकी में कहा गया है, "सीबीएन से प्राप्त दस्तावेजों के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि मोहम्मद ज़ाकिर हुसैन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (सहित धारा 419, 420, 468, 471) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (2018 में संशोधित) की धारा 7 के तहत आपराधिक अपराध हुए हैं।"
बर्खास्त कांस्टेबल के खिलाफ प्राथमिकी सीबीएन आयुक्तालय के निरीक्षक प्रदीप के खिलाफ इसी तरह की शिकायत दर्ज होने के एक दिन बाद दर्ज की गई थी।
सीबीआई ने 4 सितंबर को शिकायत मिलने के बाद 11 सितंबर को निरीक्षक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
हरियाणा के पानीपत निवासी निरीक्षक प्रदीप पर कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) संयुक्त स्नातक परीक्षा-2019 में धोखाधड़ी करके नौकरी पाने का आरोप है।
सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में इंस्पेक्टर प्रदीप पर आपराधिक षड्यंत्र, जालसाजी, धोखाधड़ी और लोक सेवक द्वारा कर्तव्य के बेईमानी से निर्वहन के लिए अनुचित लाभ प्राप्त करने का भी आरोप लगाया गया है।
सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है, "यह भी आरोप लगाया गया है कि प्रदीप के अंगूठे के निशान परीक्षा के विभिन्न चरणों के दौरान परीक्षार्थी के अंगूठे के निशानों से भिन्न और एक जैसे नहीं पाए गए। इस अवैध और धोखाधड़ी वाली भर्ती प्रक्रिया में एसएससी और परीक्षा संचालन प्राधिकरण के अज्ञात अधिकारियों की आपराधिक संलिप्तता का अत्यधिक संदेह है।"