क्या कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया?

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क्या कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया?

सारांश

कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर किया विरोध प्रदर्शन। भाजपा के अलोकतांत्रिक दमन की निंदा की गई। यह आंदोलन जम्मू-कश्मीर के नेताओं और कार्यकर्ताओं का एकजुटता का प्रतीक है। क्या यह प्रदर्शन लोकतांत्रिक अधिकारों की बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा?

Key Takeaways

  • जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग।
  • भाजपा के खिलाफ लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा का आंदोलन।
  • कांग्रेस नेताओं का एकजुटता का प्रदर्शन।
  • संसद में मुद्दों को उठाने का निर्णय।
  • प्रदर्शन में सैकड़ों कार्यकर्ताओं की भागीदारी।

नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस ने मंगलवार को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक विशाल विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। इस दौरान जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा तुरंत बहाल करने की मांग की गई और क्षेत्र में भाजपा द्वारा लोकतांत्रिक अधिकारों के अलोकतांत्रिक, सत्तावादी और असंवैधानिक दमन की कड़ी निंदा की गई।

इसका नेतृत्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा, कांग्रेस विधायक दल के नेता जी.ए. मीर और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख प्रभारी महासचिव डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने किया।

कांग्रेस नेतृत्व ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की अपनी मांग दोहराई है। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में इन मुद्दों को उठाया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दिल्ली आए जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पूरा समर्थन दिया।

जम्मू-कश्मीर से 500 से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता दिल्ली पहुंचे और 'दिल्ली चलो' और 'हमारी रियासत हमारा हक' जैसे नारे लगाए। लंबी यात्रा और सुरक्षा प्रतिबंधों का सामना करते हुए, वे राज्य के लोगों की आवाज बुलंद करने आए।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि उपराज्यपाल स्वयं पहलगाम आतंकवादी हमले में गंभीर सुरक्षा चूक की बात स्वीकार करते हैं, यह हमारे रुख की पुष्टि करता है। अनिर्वाचित, गैर-जवाबदेह प्रशासक लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार की जगह नहीं ले सकते। जम्मू-कश्मीर अपनी गरिमा, अपनी विधानसभा और अपनी आवाज का हकदार है। कांग्रेस पार्टी तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक लोकतंत्र पूरी तरह से बहाल नहीं हो जाता।

इससे पहले जम्मू और श्रीनगर में दो बड़े प्रदर्शन हो चुके हैं।

रविवार को जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) ने जम्मू के सिटी सेंटर में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित किया, जहां राज्य का दर्जा, लोकतांत्रिक चुनाव और संवैधानिक अधिकारों की बहाली की शांतिपूर्ण मांग करते हुए, पीसीसी अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा और कांग्रेस विधायक दल के नेता जी.ए. मीर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस कार्रवाई के बावजूद, सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बिना रुके अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा।

शनिवार को श्रीनगर स्थित कांग्रेस मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन किया गया, जहां वरिष्ठ नेताओं ने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की एक बड़ी सभा को संबोधित किया।

Point of View

बल्कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों के संरक्षण की दिशा में एक आवश्यक कदम भी है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर नागरिक को अपने अधिकारों की रक्षा का अवसर मिले।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या कांग्रेस का प्रदर्शन प्रभावी होगा?
हां, यह प्रदर्शन जम्मू-कश्मीर के मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर लाने में मदद कर सकता है।
प्रदर्शन में कितने कार्यकर्ता शामिल हुए?
500 से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता इस प्रदर्शन में शामिल हुए।
कांग्रेस की प्रमुख मांगें क्या हैं?
कांग्रेस की मुख्य मांग जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करना और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करना है।