क्या पीएम-उदय योजना से दिल्ली का स्वरूप बदलेगा? अवैध कॉलोनियों का होगा कायाकल्प

सारांश
Key Takeaways
- अवैध कॉलोनियों को कानूनी रूप देने का प्रयास।
- बुनियादी ढांचे का विकास और सुविधाओं का विस्तार।
- निवासियों को कानूनी स्वामित्व प्रदान करना।
- दिल्ली के भविष्य की सुरक्षा।
- समाज में सुधार की दिशा में कदम।
नई दिल्ली, 17 जून (राष्ट्र प्रेस)। 27 वर्षों के अंतराल के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भाजपा सरकार अवैध कॉलोनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। यह कार्यवाही पीएम-उदय (पीएम-यूडीएवाई) योजना के अंतर्गत की जा रही है, जिसका उद्देश्य उन निवासियों को मकान का कानूनी मालिकाना हक प्रदान करना है, जो अवैध कॉलोनियों में निवास कर रहे हैं।
इनफो इन डाटा के अनुसार, दिल्ली के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में पिछले कई दशकों से अवैध कॉलोनियों का विकास हुआ है, जिससे स्थानीय बुनियादी ढांचे पर भारी दबाव पड़ा है और विकास में रुकावट आई है। भाजपा सरकार पीएम-उदय योजना के माध्यम से इन अनधिकृत कॉलोनियों को कानूनी स्वरूप देकर व्यवस्था को बहाल करने और दिल्ली का भविष्य सुरक्षित करने का प्रयास कर रही है।
दिल्ली में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र नजफगढ़ है, जहां 172 अवैध कॉलोनियां हैं। इसके बाद उत्तम नगर में 136, किराड़ी में 105, पालम में 49, और छतरपुर में 75 कॉलोनियां मौजूद हैं।
अवैध कॉलोनियों के कारण भूमि मूल्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और योजनाबद्ध शहरी विकास की रूपरेखा बिगड़ गई है। इन क्षेत्रों में पानी, बिजली, सड़क और सीवर जैसी आवश्यक सुविधाओं की कमी से निवासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, अवैध निर्माण ने हरियाली और जल प्रबंधन को भी नुकसान पहुँचाया है।
केंद्र और दिल्ली सरकार द्वारा संचालित पीएम-यूडीएवाई योजना के तहत अवैध कॉलोनियों के निवासियों को कानूनी मालिकाना हक देना और इन क्षेत्रों को नियमित करना है। योजना के अंतर्गत बुनियादी ढांचे का विकास, सड़कों का निर्माण और अन्य सुविधाओं को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है। यह कदम दिल्ली को एक बेहतर और सुरक्षित भविष्य की दिशा में ले जाने का प्रयास है।