क्या देवघर में सावन के चौथे सोमवार पर जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा?

सारांश
Key Takeaways
- श्रद्धालुओं की भारी भीड़ सावन के चौथे सोमवार पर जलाभिषेक के लिए उमड़ी।
- उत्तरवाहिनी गंगा से वैद्यनाथ धाम तक लाखों कांवड़िए मौजूद हैं।
- सावन के अंतिम सोमवार पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं।
- जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं और सुरक्षा के लिए इंतजाम किए हैं।
- हर शिकायत पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।
देवघर, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के देवघर में स्थित भगवान शंकर के कामना ज्योतिर्लिंग पर सावन के अंतिम सोमवार को जलाभिषेक के लिए तड़के तीन बजे से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आ गई है। बिहार के सुल्तानगंज से शुरू होकर उत्तरवाहिनी गंगा नदी से देवघर के वैद्यनाथ धाम मंदिर तक 108 किलोमीटर के रास्ते पर लाखों कांवड़िए मौजूद हैं, और पूरा क्षेत्र ‘बोल बम’ के नारों से गूंज रहा है।
सरकारी पूजा के बाद मंदिर का पट प्रातः 4.10 पर खुला और जलार्पण का क्रम शुरू हुआ, लेकिन इससे पहले ही श्रद्धालुओं की तीन-चार किलोमीटर लंबी कतार लग गई थी। सुबह आठ बजे यह कतार 10 किलोमीटर से भी अधिक हो गई। जिला प्रशासन का अनुमान है कि शाम तक तीन लाख से ज्यादा लोग जलार्पण कर सकते हैं। इससे पूर्व रविवार को दो लाख से अधिक भक्तों ने जलार्पण किया था।
वैद्यनाथ धाम के पंडा केदारनाथ झा बताते हैं कि सावन के अंतिम सोमवार पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। ऐंद्र योग और रवि योग के अलावा दोपहर बाद एकादशी तिथि भी प्रारंभ हो रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसे मुहूर्त में जलार्पण और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। बाबा मंदिर को फूलों से विशेष सजावट की गई है। सोमवार रात 10 बजे विशेष बेलपत्र पूजा का आयोजन होगा, जिसमें मंदिर के पुरोहित बेलपत्र अर्पित कर बाबा का रुद्राभिषेक करेंगे।
देवघर के उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि चौथी सोमवारी पर श्रद्धालुओं और कांवड़ियों की भारी संख्या को देखते हुए राजकीय मेला क्षेत्र में उनकी सुविधाओं और सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजाम किए गए हैं। उपायुक्त ने सुबह-सुबह खुद रूट लाइन, बाबा मंदिर प्रांगण और आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण किया और प्रतिनियुक्त अधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए ताकि श्रद्धालुओं को जलार्पण करने में कोई असुविधा न हो।
भीड़ को देखते हुए सोमवार को शीघ्र दर्शनम की सेवा स्थगित रखी गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला परिसर में जगह-जगह क्यूआर कोड चिपकाए गए हैं। मेला क्षेत्र में असुविधा या कमी दिखने पर लोग इसे स्कैन कर समस्या या परेशानी साझा कर सकते हैं। जिला प्रशासन के अनुसार, हर शिकायत पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। श्रावणी मेला की शुरुआत से अब तक 50 लाख से अधिक लोग जलार्पण कर चुके हैं।