क्या डीजीसीए ने एयर इंडिया क्रैश के बाद नया सेफ्टी ऑडिट फ्रेमवर्क जारी किया?

सारांश
Key Takeaways
- डीजीसीए का नया ऑडिट फ्रेमवर्क भारतीय विमानन सुरक्षा को बढ़ाने के लिए है।
- यह फ्रेमवर्क डेटा-संचालित और जोखिम-आधारित है।
- ऑडिट में विभिन्न एविएशन इकाइयों का समावेश है।
- सुरक्षा घटनाओं के आधार पर ऑडिट शेड्यूल किए जाएंगे।
- संस्थाएं निष्कर्षों की अपील कर सकती हैं।
नई दिल्ली, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) ने रविवार को भारतीय एविएशन सेक्टर की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक नया कॉम्प्रिहेंसिव स्पेशल ऑडिट फ्रेमवर्क पेश किया।
यह ऑडिट गुजरात के अहमदाबाद में हाल ही में हुई एयर इंडिया दुर्घटना के बाद विमानन सुरक्षा मानकों की जांच बढ़ाने के उद्देश्य से लागू किया गया है। इसका लक्ष्य डेटा-संचालित, जोखिम-आधारित और वैश्विक दृष्टिकोण से देश के एविएशन सेफ्टी सिस्टम में सुधार करना है।
इस नए ऑडिट में विभिन्न एविएशन सेक्टर की इकाइयां शामिल हैं, जैसे कि शेड्यूल और नॉन-शेड्यूल एयरलाइंस, रखरखाव मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) संगठन, उड़ान प्रशिक्षण संगठन (एफटीओ), एयर नेविगेशन सर्विस प्रोवाइडर्स (एएनएसपी) और ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियां (जीएचए)।
इस सेफ्टी ऑडिट फ्रेमवर्क का मुख्य फोकस क्षेत्रों में सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम (एसएमएस), परिचालन दक्षता, नियामक ढांचे का पालन, और चालक दल तथा संसाधन प्रबंधन प्रोटोकॉल शामिल हैं।
इस ऑडिट का संचालन वरिष्ठ डीजीसीए अधिकारियों के नेतृत्व में बहु-विषयक टीमों द्वारा किया जाएगा, जिसमें फ्लाइट स्टैंडर्ड, एयर सेफ्टी और लाइसेंसिंग के विशेषज्ञ शामिल होंगे। अनुपालन और सेफ्टी कल्चर का आकलन करने के लिए दस्तावेज समीक्षा, निरीक्षण, साक्षात्कार और डेटा विश्लेषण जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। ऑडिट सुरक्षा घटनाओं, गैर-अनुपालन या जोखिम प्रोफाइल के आधार पर सक्रिय रूप से शेड्यूल किया जा सकता है।
ऑडिट के निष्कर्षों को सुधारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता वाले स्तरों में वर्गीकृत किया जाएगा, जिसके अनुसार एयरलाइन पर चेतावनी से लेकर लाइसेंस निलंबन तक की कार्रवाई की जा सकती है। खुली रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करने और एक मजबूत सेफ्टी कल्चर को बढ़ावा देने के लिए गोपनीयता बनाए रखी जाएगी। संस्थाएं स्थापित नियामक प्रक्रियाओं के अनुसार निष्कर्षों की अपील कर सकती हैं।
इस दूरदर्शी, डेटा-संचालित और सहयोगी ऑडिट मॉडल के माध्यम से डीजीसीए विमानन सुरक्षा निरीक्षण में वैश्विक मानक स्थापित करने की कोशिश कर रहा है और नागरिक विमानन सुरक्षा और स्थिरता में भारत के निरंतर नेतृत्व को सुनिश्चित करना चाहता है।