क्या कानपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच गया है?

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क्या कानपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच गया है?

सारांश

कानपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच गया है, जिससे कई गाँवों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने का कार्य जारी है। जानिए कैसे राहत कार्य चल रहे हैं।

Key Takeaways

  • गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।
  • बाढ़ राहत शिविरों में सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
  • प्रशासन ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया।
  • बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है।
  • कानपुर में राहत कार्य तेजी से चल रहा है।

कानपुर, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कानपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच चुका है, जिससे सदर तहसील के निचले क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने की प्रक्रिया जारी है।

नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण कई गाँवों में पानी भर गया है, जिससे ग्रामीणों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ा है। लोग अपने पशुओं को भी साथ लेकर सुरक्षित जगहों की ओर बढ़ रहे हैं।

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, वित्त एवं राजस्व, विवेक चतुर्वेदी ने कहा, "पिछले कुछ दिनों में गंगा नदी का जल स्तर बढ़ता जा रहा है। यहाँ से, हम इसे सुखलागंज में गेज के माध्यम से मापते हैं, जहाँ हमारा चेतावनी स्तर 113 मीटर है। वर्तमान में, गंगा का स्तर चेतावनी स्तर से ऊपर है।"

उन्होंने बताया कि इसके परिणामस्वरूप, हमारे मुख्य क्षेत्र के कुछ गाँव प्रभावित हुए हैं, और इनमें से कुछ गाँवों में पानी भर गया है। नतीजतन, कुछ परिवार हमारे राहत शिविरों में पहुँचे हैं, जो अब पूरी तरह से क्रियाशील हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेज़ी से चल रहा है। सीएमओ और तहसील की टीमें चौबीसों घंटे काम कर रही हैं ताकि ग्रामीणों को हरसंभव मदद मिल सके। बाढ़ को ध्यान में रखते हुए 34 चौकियाँ बनाई गई हैं।

उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के लिए सभी आवश्यक इंतज़ाम किए गए हैं, जिसमें पीने का साफ पानी, भोजन, रहने के लिए सुरक्षित स्थान, बायो टॉयलेट और पशुओं के लिए चारा और आश्रय शामिल है।

एडीएम ने ग्रामीणों से अपील की है कि यदि उन्हें किसी चीज़ की कमी महसूस हो, तो वे मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क करें ताकि उनकी समस्या का त्वरित समाधान किया जा सके। बाढ़ राहत चौकियों पर अधिकारी और बचाव दल लगातार तैनात हैं।

प्रशासन द्वारा प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी ट्रैक्टर, नावों और स्टीमर बोट के माध्यम से लगातार की जा रही है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके।

प्रशासन का कहना है कि वे सभी स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं और जन सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

Point of View

बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है। बाढ़ की समस्या हर साल आती है, और हमें इसके प्रभावी प्रबंधन के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। प्रशासन की तत्परता और सक्रियता इस संकट का सामना करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर क्यों है?
गंगा का जलस्तर बारिश और जलवायु परिवर्तन के कारण खतरे के निशान से ऊपर पहुँच गया है।
ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर क्यों पहुँचाया जा रहा है?
बाढ़ की स्थिति को देखते हुए, प्रशासन ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिए राहत कार्य कर रहा है।
बाढ़ राहत शिविरों में क्या सुविधाएँ उपलब्ध हैं?
बाढ़ राहत शिविरों में पीने का पानी, भोजन, सुरक्षित ठिकाने, और पशुओं के लिए चारा उपलब्ध है।
प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए क्या कदम उठाए हैं?
प्रशासन ने राहत शिविरों की स्थापना की है और निगरानी के लिए टीमों को तैनात किया है।
कानपुर में बाढ़ की स्थिति की निगरानी कैसे की जा रही है?
बाढ़ की स्थिति की निगरानी ट्रैक्टर, नावों और स्टीमर बोट के माध्यम से की जा रही है।