क्या उनामंचेरी कोदंडरामा स्वामी मंदिर से मिलती है शारीरिक कष्टों से मुक्ति?

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क्या उनामंचेरी कोदंडरामा स्वामी मंदिर से मिलती है शारीरिक कष्टों से मुक्ति?

सारांश

उदाहरण के लिए, उनामंचेरी कोदंडरामा स्वामी मंदिर एक अद्वितीय स्थान है जहां भक्त हनुमान की दोमुखी प्रतिमा के दर्शन से शारीरिक कष्टों से मुक्ति प्राप्त करते हैं। जानिए इस प्राचीन मंदिर की कहानी और यहाँ के दिव्य अनुभव के बारे में।

Key Takeaways

  • हनुमान की दोमुखी प्रतिमा से भक्तों को कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  • यह मंदिर प्राचीन एवं ऐतिहासिक है।
  • भक्तों की आस्था का अद्भुत उदाहरण है।
  • यह स्थानीय संस्कृति और धार्मिकता का प्रतीक है।
  • यह मंदिर विजयनगर वंश के इतिहास से जुड़ा है।

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। शारीरिक कष्टों से मुक्ति पाने के लिए भक्त प्रार्थना और दवा दोनों का सहारा लेते हैं। शारीरिक कष्टों से छुटकारा पाने के लिए भक्त विभिन्न मंदिरों में जाते हैं।

तमिलनाडु के चेंगलपट्टू जिले में भगवान राम का ऐसा मंदिर है, जहां केवल दर्शन करने से ही पुराने रोगों से मुक्ति मिल जाती है। हम बात कर रहे हैं उनामंचेरी कोदंडरामा स्वामी मंदिर की, जहां हनुमान अद्भुत रूप में विराजमान हैं।

तमिलनाडु के चेंगलपट्टू जिले में तांबरम के पास स्थित प्राचीन उनामंचेरी कोदंडरामा स्वामी मंदिर को स्थानीय लोग श्री कोठंडा रामास्वामी मंदिर के नाम से भी जानते हैं। यह मंदिर अपने भव्य गोपुरम और सुंदर वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर के गर्भगृह में प्रभु श्रीराम, मां सीता और लक्ष्मण विराजमान हैं। खास बात यह है कि मंदिर में हनुमान की दुर्लभ और प्राचीन प्रतिमा स्थापित है। कहा जाता है कि ऐसी प्रतिमा किसी अन्य मंदिर में नहीं है।

मंदिर के गर्भगृह में हनुमान की दोमुखी प्रतिमा मौजूद है, जिसमें एक मुख प्रभु श्री राम, मां सीता और लक्ष्मण की तरफ है, जबकि दूसरा मुख दर्शन करने आने वाले भक्तों की तरफ है। माना जाता है कि शारीरिक रोगों से परेशान भक्त इस मंदिर में रोगों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं। हनुमान की दृष्टि मात्र से सारे कष्ट और रोगों का नाश होता है। मंदिर के गर्भगृह में भरत और शत्रुघ्न की प्रतिमा भी मौजूद हैं। भरत और शत्रुघ्न दोनों कोनों में हाथ जोड़कर नमस्कार मुद्रा में विराजमान हैं। यह देश का पहला मंदिर है, जहां प्रभु श्री राम अपने तीनों भाइयों, मां सीता और अपने प्रिय भक्त हनुमान के साथ हैं।

मंदिर से जुड़ी प्रचलित किंवदंती की मानें तो इसका निर्माण विजयनगर वंश के अच्युत राय के आदेश पर हुआ था, जिन्हें स्वयं भगवान विष्णु ने दर्शन दिए थे।

माना जाता है कि अच्युत वर्मा राय दिव्यांग थे और शारीरिक कष्टों से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने भगवान विष्णु की कठोर तपस्या की थी। भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर सपने में अच्युत राय को दर्शन दिए थे और राम मंदिर बनाने का आदेश दिया था।

Point of View

यह कहना उचित है कि उनामंचेरी कोदंडरामा स्वामी मंदिर की प्रतिष्ठा न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक महत्त्व भी रखती है। यहां भक्तों की आस्था और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम देखने को मिलता है।
NationPress
28/12/2025

Frequently Asked Questions

उनामंचेरी कोदंडरामा स्वामी मंदिर कहाँ स्थित है?
यह मंदिर तमिलनाडु के चेंगलपट्टू जिले में स्थित है।
क्या इस मंदिर में हनुमान की कोई विशेष प्रतिमा है?
हाँ, इस मंदिर में हनुमान की दोमुखी प्रतिमा स्थापित है।
यह मंदिर किसके द्वारा स्थापित किया गया था?
विजयनगर वंश के अच्युत राय के आदेश पर इस मंदिर का निर्माण हुआ था।
इस मंदिर में भक्त क्यों जाते हैं?
भक्त यहाँ शारीरिक कष्टों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं।
क्या इस मंदिर की कोई विशेष किंवदंती है?
हाँ, कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने अच्युत राय को सपने में दर्शन दिए थे।
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