क्या विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस के विद्वानों संग द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की?

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क्या विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस के विद्वानों संग द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की?

सारांश

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस के विद्वानों के साथ बातचीत करते हुए भारत-रूस संबंधों और वैश्विक भू-राजनीति पर अपने विचार साझा किए। यह यात्रा विशेष सामरिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जानें इस दौरे की खास बातें और भविष्य की संभावनाएँ।

Key Takeaways

  • भारत-रूस संबंधों पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई।
  • जयशंकर ने रूस के विद्वानों के साथ संवाद किया।
  • महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक का आयोजन।
  • विशेष सामरिक साझेदारी को बढ़ावा दिया गया।
  • रूसी राष्ट्रपति का संभावित भारत दौरा।

मॉस्को, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को रूस के प्रमुख विद्वानों और थिंक टैंक प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया। इस संवाद में भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों, वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में परिवर्तन और भारत के दृष्टिकोण पर चर्चा की गई। जयशंकर वर्तमान में रूस की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं।

विदेश मंत्री ने एक्स पर साझा किया, “रूस के प्रमुख विद्वानों और थिंक टैंक के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करके खुशी हुई। भारत-रूस संबंधों, समकालीन वैश्विक भू-राजनीति और भारत के दृष्टिकोण पर विचार-विमर्श किया।”

मॉस्को के अलेक्जेंडर गार्डन में स्थित ‘टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर’ पर जयशंकर ने पुष्पांजलि अर्पित की। यह स्मारक द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए सोवियत सैनिकों की याद में बनाया गया है।

जयशंकर अपनी यात्रा के दौरान मॉस्को में होने वाले भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के 26वें सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक का उद्देश्य व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग को और मजबूत करना है।

यह दौरा रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मांटुरोव के आमंत्रण पर हो रहा है। विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा को दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक साझेदारी” को और प्रगाढ़ बनाने के लिए महत्वपूर्ण बताया है।

जयशंकर की यात्रा के दौरान रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी होगी। दोनों नेताओं की मुलाकात इससे पहले 15 जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान और हाल ही में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी हुई थी।

इस वर्ष की शुरुआत में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी मॉस्को गए थे, जहां उन्होंने रूसी उप विदेश मंत्री आंद्रे रुदेंको के साथ विदेश कार्यालय परामर्श किए थे। इस राजनयिक सक्रियता के बीच, संभावना है कि इस वर्ष के अंत तक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर भारत का दौरा कर सकते हैं।

Point of View

यह यात्रा भारत और रूस के बीच के संबंधों को और गहरा बनाने का एक अवसर है। दोनों देशों की विशेष साझेदारी वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि इस तरह की चर्चाएँ हमारे राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने में सहायक होंगी।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

जयशंकर की रूस यात्रा का उद्देश्य क्या है?
जयशंकर की यात्रा का उद्देश्य भारत-रूस संबंधों को और गहराई प्रदान करना और वैश्विक भू-राजनीति पर चर्चा करना है।
रूस में जयशंकर के साथ कौन-कौन थे?
जयशंकर के साथ रूस के प्रमुख विद्वान और थिंक टैंक के प्रतिनिधि थे।
जयशंकर की यात्रा का महत्व क्या है?
यह यात्रा विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।