क्या जामताड़ा में पुल धंसने से 150 से अधिक गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूटा?

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क्या जामताड़ा में पुल धंसने से 150 से अधिक गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूटा?

सारांश

जामताड़ा में पुल के ध्वस्त होने से 150 से अधिक गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। तेज बहाव में गिरने से आम जनजीवन पर भारी असर पड़ा है। जानिए इस घटना से प्रभावित लोगों की स्थिति और प्रशासन की प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • पुल का ध्वस्त होना जामताड़ा के लिए गंभीर संकट है।
  • 150 से अधिक गांवों का संपर्क टूटा है, जिससे लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
  • प्रशासन ने बैरिकेडिंग की है ताकि लोग नदी के पास न जाएं।
  • स्थानीय निवासियों ने जल्द वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की है।
  • यह घटना बुनियादी ढांचे की स्थिति को दर्शाती है।

जामताड़ा, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के जामताड़ा और देवघर के जिला मुख्यालयों को जोड़ने वाला दक्षिण बहाल पुल मंगलवार को तेज बहाव में ढह गया। इस पुल के धंसने से जामताड़ा जिला मुख्यालय से 150 से अधिक गांवों का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है।

यह पुल, जो 1980 में बोल्डर के सहारे बनाया गया था, को जामताड़ा की लाइफलाइन माना जाता था। इसके ध्वस्त होने से आम जनजीवन पर गहरा असर पड़ा है। इस पुल को 18 जुलाई को भारी बारिश के दौरान क्षति पहुंची थी, जिसके बाद केवल दोपहिया वाहनों को अनुमति दी गई थी, लेकिन मंगलवार को यह पूरी तरह ढह गया।

अब सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। यह क्षेत्र राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का है, जिन्होंने पुल के ध्वस्त होने की सूचना प्राप्त की है। अब 100 से अधिक गांवों के निवासियों को जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए 15 से 20 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है, जबकि पहले यह दूरी केवल आधा किलोमीटर थी। इसका सीधा प्रभाव छात्रों, मजदूरों और मरीजों पर पड़ा है। कई छात्र विद्यालय और महाविद्यालय नहीं जा पा रहे हैं। मजदूरी करने वाले लोग भी शहर नहीं पहुंच पा रहे हैं।

कई गांवों के लोग इसी पुल से होकर जामताड़ा सदर अस्पताल पहुंचते थे, जिससे मरीजों को अस्पताल पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। यह पुल जामताड़ा और देवघर को जोड़ता था, जहां रोजाना हजारों की संख्या में वाहन चलते थे। अब यातायात पूरी तरह बाधित है। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। लोगों को पुल के पास जाने से रोका जा रहा है, क्योंकि नदी में बहाव तेज है और दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। एसडीएम अनंत कुमार ने बताया कि बैरिकेडिंग के निर्देश दिए गए हैं।

वैकल्पिक मार्ग को ठीक करने और नए पुल के निर्माण को लेकर विभाग से पत्राचार किया जा रहा है। स्थानीय निवासियों ने सरकार से जल्द वैकल्पिक व्यवस्था करने और नए पुल के निर्माण की मांग की है।

Point of View

बल्कि यह हमारे बुनियादी ढांचे की कमजोरियों को उजागर करती है। जब तक हम अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत नहीं बनाएंगे, तब तक ऐसी घटनाएं हमारे समाज को प्रभावित करती रहेंगी। हमें सभी स्तरों पर तैयारी और सुधार की आवश्यकता है।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

पुल कब ध्वस्त हुआ?
पुल 29 जुलाई को तेज बहाव में ध्वस्त हुआ।
इस पुल का महत्व क्या था?
यह पुल जामताड़ा की लाइफलाइन माना जाता था, जो जामताड़ा और देवघर को जोड़ता था।
कितने गांवों का संपर्क टूटा है?
150 से अधिक गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है।
प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं?
प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर बैरिकेडिंग के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय निवासियों की मांग क्या है?
स्थानीय निवासियों ने सरकार से वैकल्पिक रूट और नए पुल के निर्माण की मांग की है।
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