क्या जनधन खाताधारक 30 सितंबर तक करवा सकते हैं दोबारा केवाईसी?

सारांश
Key Takeaways
- जन धन योजना के तहत 30 सितंबर तक केवाईसी अपडेट कराना अनिवार्य है।
- केवाईसी प्रक्रिया का आयोजन पंचायत स्तर पर किया जा रहा है।
- बैंक ग्राहकों की सुविधा के लिए शिविर आयोजित कर रहे हैं।
- इस योजना से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।
- रुपे कार्ड के साथ दुर्घटना बीमा कवर भी उपलब्ध है।
नई दिल्ली, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को जानकारी दी कि केंद्र के आर्थिक भागीदारी कार्यक्रम प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के 10 वर्ष पूरे हो चुके हैं, जिसके चलते बड़ी संख्या में योजना से जुड़े खातों को दोबारा केवाईसी अपडेट की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 1 जुलाई से 30 सितंबर तक पंचायत स्तर पर जन धन योजना खाताधारकों के लिए केवाईसी अपडेट के शिविर आयोजित कर रहे हैं।
आरबीआई गवर्नर ने कहा, "बैंक अपने ग्राहकों के दरवाजे तक सेवाएं पहुंचाने के उद्देश्य से पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित कर रहे हैं। नए बैंक खाते खोलने और पुनः केवाईसी के अलावा, ये शिविर वित्तीय समावेशन और ग्राहक शिकायत निवारण के लिए सूक्ष्म बीमा और पेंशन योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे।"
पुनः केवाईसी एक सरल प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति अपने व्यक्तिगत और पते का विवरण अपडेट कर सकता है, ताकि उसके बैंक के साथ रिकॉर्ड अद्यतित रहे।
आरबीआई ने मृत बैंक ग्राहकों के सुरक्षित अभिरक्षा या सुरक्षित जमा लॉकरों में रखी वस्तुओं से संबंधित दावों के निपटान हेतु एक नीति भी बनाई है। इससे निपटान की प्रक्रिया अधिक सुविधाजनक और सरल होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) एक सरकारी वित्तीय समावेशन कार्यक्रम है, जो किफायती तरीके से वित्तीय सेवाओं, जैसे कि बुनियादी बचत और जमा खाते, प्रेषण, ऋण, बीमा और पेंशन तक पहुंच सुनिश्चित करता है।
इस योजना के तहत, जिन व्यक्तियों का कोई अन्य खाता नहीं है, वे किसी भी बैंक शाखा या व्यवसाय संवाददाता (बैंक मित्र) आउटलेट में एक बुनियादी बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता खोल सकते हैं।
पीएमजेडीवाई खाताधारक को रुपे डेबिट कार्ड प्रदान किया जाता है। पीएमजेडीवाई खाताधारकों को जारी किए गए रुपे कार्ड के साथ 2 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर उपलब्ध है।
पीएमओ इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "प्रधानमंत्री जन धन योजना ने सबसे गरीब लोगों के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच को बदल दिया है। योजना ने बैंकों और बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों के बीच की खाई को पाट दिया है, जिससे सम्मान, आत्मनिर्भरता और आर्थिक समावेशन को बढ़ावा मिला है।"
अब तक पीएमजेडीवाई के तहत 55.90 करोड़ से अधिक खाते खोले जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, सरकार ने वित्तीय समावेशन को मजबूत करने और बुनियादी बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैं।
इस दिशा में, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत 35.13 लाख करोड़ रुपए से अधिक के 53.85 करोड़ ऋण स्वीकृत किए गए हैं।
पीएमएमवाई सूक्ष्म और लघु उद्यमों को 20 लाख रुपए तक का कोलेटरल-फ्री लोन प्रदान करता है, जिससे स्वरोजगार और आय सृजन संभव होता है।