क्या झारखंड में नाबालिग को बेचने की कोशिश करने वाला आरोपी गिरफ्तार हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- मानव तस्करी एक गंभीर मुद्दा है.
- स्थानीय लोगों की जागरूकता महत्वपूर्ण है.
- पुलिस त्वरित कार्रवाई कर सकती है.
- नाबालिगों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है.
सिमडेगा, १५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के सिमडेगा में मानव तस्करी का एक गंभीर मामला प्रकाश में आया है। कुरडेग थाना क्षेत्र में एक मानसिक रूप से विक्षिप्त नाबालिग को बेचने की योजना बना रहे मानव तस्कर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
यह मामला तब उजागर हुआ जब नाबालिग की गुमशुदगी की रिपोर्ट कुरडेग थाना में दर्ज कराई गई। पुलिस ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए तुरंत जांच शुरू की और एक आरोपी, संतोष नायक, को गिरफ्तार किया।
एसपी सिमडेगा, एम अर्शी, ने मीडिया को बताया कि १२ नवंबर को भीम ने अपने बेटे के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायत के उपरांत, डीएसपी हेडक्वार्टर के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। जांच के दौरान यह पता चला कि नाबालिग को संतोष नायक ने अपने पास रखा था और उसे बेचने की योजना बना रहा था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संतोष नायक को गिरफ्तार किया और नाबालिग को सुरक्षित मुक्त कराया।
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार संतोष नायक से पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि उसने पहले कितने बच्चों को बेचा है और इसके गिरोह में कितने लोग शामिल हैं। इसके अलावा, उसे इस कार्य के लिए कितना पैसा मिलता है, इन सभी प्रश्नों के उत्तर भी प्राप्त किए जा रहे हैं।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि बच्चा मानसिक रूप से कमजोर है। इसी का फायदा उठाकर संतोष ने उसे अपने साथ ले गया था, लेकिन मुखबिर की सूचना पर समय रहते उसकी लोकेशन का पता कर लिया गया।
एसपी ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच जारी है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि आरोपी किसी बड़े मानव तस्करी गिरोह से संबंधित है या नहीं। पुलिस ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत थाने को दें, ताकि ऐसे अपराधों पर रोक लगाई जा सके। जब भी इस प्रकार का मामला सामने आए, इसकी सूचना पुलिस को दें, क्योंकि पुलिस जनता की सहायता के लिए मौजूद है।