क्या झारखंड के सीए नरेश केजरीवाल के 15 ठिकानों पर ईडी की रेड में 65 लाख नकद और 55 लाख का सोना-चांदी बरामद हुआ?

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क्या झारखंड के सीए नरेश केजरीवाल के 15 ठिकानों पर ईडी की रेड में 65 लाख नकद और 55 लाख का सोना-चांदी बरामद हुआ?

सारांश

झारखंड के चार्टर्ड अकाउंटेंट नरेश केजरीवाल पर ईडी की छापेमारी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है? जानें इस छापेमारी के दौरान मिली नकदी, सोने-चांदी और दस्तावेजों की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • ईडी की छापेमारी में 65 लाख रुपए नकद और 55 लाख का सोना-चांदी बरामद हुआ।
  • हवाला नेटवर्क से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले।
  • नरेश केजरीवाल का परिवार रियल एस्टेट और कोयला व्यापार से जुड़ा है।
  • जांच में मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं।
  • अवैध फंड ट्रांसफर का संदेह है।

रांची, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को झारखंड के मशहूर चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) नरेश केजरीवाल और उनके सहयोगियों के रांची, मुंबई और सूरत में स्थित 15 ठिकानों पर एक व्यापक छापेमारी की। यह कार्रवाई सुबह छह बजे शुरू होकर देर शाम तक जारी रही। इस दौरान 65 लाख रुपए नकद, 55 लाख रुपए मूल्य के सोना–चांदी के सिक्के और हवाला नेटवर्क के माध्यम से विदेश भेजे गए धन से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं।

एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, गिरधर केजरीवाल के ठिकानों से 30 लाख, अजय केजरीवाल के ठिकानों से 10 लाख, और इंदर केजरीवाल के परिसरों से 25 लाख रुपए नकद जब्त किए गए। इसके अलावा, इंदर केजरीवाल के ठिकानों से 55 लाख रुपए मूल्य के सोना-चांदी के सिक्के भी बरामद हुए। तलाशी के दौरान मिले सभी पदार्थों को जब्त कर लिया गया है।

प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि हवाला के जरिए विदेशों में बनी कई शेल कंपनियों में 1000 करोड़ रुपए से अधिक राशि निवेश करने और इतनी ही रकम डिजिटल माध्यमों से भारत वापस लाने के सबूत मिले हैं। यह पूरी प्रक्रिया कथित तौर पर काले धन को वैध करने यानी मनी लॉन्ड्रिंग के उद्देश्य से की गई थी।

जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि केजरीवाल और उनसे जुड़े लोग संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), अमेरिका (यूएसए), नाइजीरिया सहित कई देशों में अवैध फंड ट्रांसफर करते रहे हैं। रांची में ईडी की टीमों ने चर्च कॉम्प्लेक्स स्थित कार्यालय, पंचवटी प्लाजा स्थित ऑफिस और लालपुर स्थित आवासीय परिसरों की तलाशी ली। मुंबई और सूरत में समानांतर छापेमारी की गई।

सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग द्वारा पहले की गई छापेमारी में कई अहम दस्तावेज और डिजिटल डेटा मिला था। इन्हीं इनपुट्स के आधार पर ईडी ने फेमा के तहत जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में यह भी उजागर हुआ कि केजरीवाल परिवार का संबंध रियल एस्टेट और कोयला व्यापार से है। नरेश केजरीवाल के भाई इंदर लाल केजरीवाल देविका कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक रह चुके हैं और उनका संबंध लगभग 11 कंपनियों से बताया जाता है, जिनमें के फिलामेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और श्री श्याम एम्ब्रॉयडरीज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। तलाशी के दौरान ईडी की टीमों ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, कंप्यूटर डेटा, विदेशी लेनदेन से जुड़े दस्तावेजों और वित्तीय रिकॉर्ड को खंगाला है।

Point of View

प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई एक महत्वपूर्ण पहलू है जो काले धन और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ लड़ाई को दर्शाती है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि इस प्रकार के मामलों में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना आवश्यक है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

ईडी की छापेमारी का कारण क्या था?
ईडी ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के तहत जांच शुरू की, जिसमें हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले।
छापेमारी में क्या-क्या बरामद हुआ?
छापेमारी में 65 लाख रुपए नकद, 55 लाख रुपए मूल्य के सोना-चांदी के सिक्के और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए।
नरेश केजरीवाल के परिवार का व्यवसाय क्या है?
नरेश केजरीवाल का परिवार रियल एस्टेट और कोयला व्यापार से जुड़ा हुआ है।
क्या इस मामले में और भी लोग शामिल हैं?
हां, नरेश केजरीवाल के सहयोगियों और उनके परिवार के सदस्यों का भी इसमें शामिल होने का संदेह है।
ईडी की जांच का अगला चरण क्या होगा?
ईडी इस मामले में और गहन जांच करेगी और संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की जाएगी।
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