क्या केरल में एसआईआर का 96 प्रतिशत फॉर्म वितरण हुआ है, कवरेज और समय को लेकर है चिंता?
सारांश
Key Takeaways
- 96% फॉर्म वितरण की उपलब्धि
- जिला प्रशासन द्वारा विशेष कैंप का आयोजन
- बीएलओ और बीएलए का सहयोग
- कई घरों में फॉर्म न पहुंचने की समस्या
- स्थानीय निकाय चुनावों की निकटता से समय की चिंता
तिरुवनंतपुरम, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने मंगलवार को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में महत्वपूर्ण प्रगति की सूचना दी है। अधिकारियों के अनुसार, राज्य में 96 प्रतिशत से अधिक एन्यूमरेशन फॉर्म घर-घर वितरित किए जा चुके हैं। यह उपलब्धि बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के समर्पित प्रयासों और जिला प्रशासन एवं चुनाव तंत्र के सहयोग से संभव हो पाई है।
फॉर्म संग्रह और डेटा एंट्री को आसान बनाने के लिए जिला प्रशासन ने विशेष कैंप, लॉजिस्टिक सहायता और तकनीकी सुविधाओं से सुसज्जित केंद्र स्थापित किए हैं। मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को भी बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) नियुक्त करने और हेल्प डेस्क स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन दिया गया है, ताकि बीएलओ का कार्यभार कम किया जा सके।
हालांकि, सीईओ कार्यालय ने व्यापक प्रगति का दावा किया है, कई क्षेत्रों से ऐसी रिपोर्टें आ रही हैं कि अब भी कई घरों तक एसआईआर फॉर्म नहीं पहुंचे हैं। इससे प्रक्रिया की समावेशिता और समानता पर सवाल उठने लगे हैं। इसके साथ ही यह चिंता भी बनी हुई है कि क्या यह पूरा अभियान निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रभावी ढंग से समाप्त हो सकेगा।
सबसे बड़ी चिंता एसआईआर के समय को लेकर है, क्योंकि यह प्रक्रिया 9 और 11 दिसंबर को होने वाले दो चरणों के स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियों के साथ चल रही है। राज्य सरकार, माकपा, कांग्रेस और आईयूएमएल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एसआईआर को रोकने की मांग की है। उनका तर्क है कि दोनों प्रक्रियाओं का समानांतर संचालन प्रशासनिक भ्रम, त्रुटियों और मतदाताओं के बहिष्कार की स्थिति पैदा कर सकता है।
इस बीच, सीईओ कार्यालय ने बीएलओ और फील्ड स्टाफ की “उत्कृष्ट निष्ठा” की सराहना करते हुए मतदाताओं, राजनीतिक दलों और मीडिया से सहयोग बनाए रखने की अपील की है। कार्यालय का कहना है कि एसआईआर एक सामूहिक प्रयास है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी बीएलओ या चुनाव कर्मी को कठिनाई न हो।
हालांकि, एक राज्य सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को स्थिति को अलग तरह से पेश किया। उन्होंने कहा, “हम भारी दबाव में काम कर रहे हैं और उच्चाधिकारियों से लगातार निर्देश और दबाव के बीच यह कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।” एक महिला अधिकारी ने भी स्वीकार किया कि एसआईआर ड्यूटी उनके लिए “बहुत कठिन” साबित हो रही है।